लखनऊ । मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में राज्य कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति के दिन उनके अवकाश लेखे में जमा अर्जित अवकाश के बदले में धनराशि के नकद भुगतान संबंधी शासनादेश में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
मंत्रिपरिषद ने सेवानिवृत्ति के दिन सरकारी कर्मचारियों के अवकाश लेखे में जमा अर्जित अवकाश के बदले में धनराशि के नकद भुगतान संबंधी शासनादेश 25 जुलाई 1983 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
इस शासनादेश के प्रस्तर-1 में व्यवस्था है कि राज्य सरकार के अधीन कार्यरत सरकारी कर्मचारी, जो निलंबनाधीन रहते हुए सेवानिवृत्ति की आयु प्राप्त कर सेवानिवृत्त हो जाता है अथवा जिसके विरुद्ध तत्समय विभागीय कार्रवाई प्रचलित रहती है, के विरुद्ध कार्रवाई की समाप्ति पर सक्षम अधिकारी द्वारा यह अभिधारित करने पर कि उसका निलंबन पूर्णतया अनुचित था, उसके अवकाश लेखे में जमा धनराशि के समतुल्य धनराशि का भुगतान नियमानुसार किया जा सकता है। इस व्यवस्था का आधार भारत सरकार की 7 अक्टूबर 1981 की अधिसूचना सीसीएस लीग रूल्स 1972 के नियम में दिए गए प्रावधान थे। भारत सरकार द्वारा इस अधिसूचना की पूर्व व्यवस्था को संशोधित किया जा चुका है।
इसके मद्देनजर राज्य सरकार द्वारा भी अपने शासनादेश संख्या 25 जुलाई 1983 में संशोधन का फैसला लेते हुए प्रावधान किया गया है कि अवकाश स्वीकृत करने वाला सक्षम प्राधिकारी उस सरकारी सेवक के खाते में अवशेष अर्जित अवकाश के समतुल्य नकद धनराशि को पूर्ण या आंशिक रूप से रोक सकता है, जो निलंबनाधीन रहते हुए अथवा अपने विरुद्ध किसी अनुशासनिक कार्रवाई अथवा दांडिक कार्रवाई के लंबित रहते हुए सेवानिवृत्ति की आयु प्राप्त करने पर सेवानिवृत्त हो जाता है, यदि सक्षम प्राधिकारी की दृष्टि में इस प्रकार की कार्रवाइयों की समाप्ति पर सरकारी सेवक से कोई धनराशि वसूलनीय होने की संभावना हो। ऐसी कार्रवाइयों की समाप्ति पर संबंधित सेवानिवृत्त सरकारी सेवक इस प्रकार रोकी गई धनराशि में से सरकारी देय धनराशि के समायोजन के बाद अवशेष धनराशि, यदि कोई हो, का भुगतान पाने का पात्र होगा।