नई दिल्ली। संसद की एक समिति ने पेंशन की गणना के सूत्र में अचानक संशोधन किए जाने पर सरकार की खिंचाई करते हुए इसे ‘‘अनुबंध के उल्लंघन’ के समतुल्य बताया। पेंशन की गणना के सूत्र में संशोधन के फलस्वरूप एक सितम्बर, 2014 के बाद सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को मिलने वाले लाभ में उल्लेखनीय कमी आ गई थी।
अधीनस्थ विधायी मामलों की समिति ने अपनी 12वीं रिपोर्ट में संशोधन की प्रकृति को विरोधात्मक और मनमाना बताया था, क्योंकि एक सितम्बर 2014 से एक दिन पहले सेवानिवृत्त होने वाले व्यक्ति को 12 माह की औसत तनख्वाह के आधार पर अधिक पेंशन मिलेगी जबकि एक दिन बाद अवकाश प्राप्त करने वाले व्यक्ति को 60 माह की औसत तनख्वाह के आधार पर कम पेंशन मिलेगी।
पेंशन योजना से जुड़ने के समय दोनों तरह के कर्मचारी समान सूत्र के आधार पर पेंशन प्राप्त करने के हकदार थे। समिति ने पहले के सूत्र को फिर से लागू करने की अनुशंसा की है, कम-से-कम वैसे कर्मचारियों के लिए जो कमर्चारी पेंशन योजना से जुड़ी 22 अगस्त 2014 की अधिसूचना से पहले इसके सदस्य बने थे।