लखनऊ : सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को अक्टूबर से लागू किया जाए, इसके लिए राज्य वेतन समिति ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। राज्य कर्मचारियों के वेतनमान निर्धारण के लिए वेतन समिति ने 31 अगस्त को समिति के सदस्यों की बैठक बुलाई है। इससे पहले वेतन समिति ने 25 अगस्त तक सभी विभागों से वेतनमान और कर्मचारियों से जुड़ी जानकारी मांगी है। इन जानकारियों के आधार पर ही वेतन समिति आगे का काम करेगी।
31 अगस्त को वेतन समिति की बैठक के बाद समिति राज्य कर्मचारी संगठनों के साथ बैठक शुरू करेगी। इसमें वेतन समिति कर्मचारी संगठनों का पक्ष सुनेगी। इससे पहले वेतन समिति ने 17 अगस्त को समिति की बैठक बुलाई थी।
राज्य कर्मचारियों का नया वेतनमान निर्धारण करने से पहले समिति की कोशिश कुछ विभागों की वेतन विसंगति दूर करने पर भी रहेगी। ताकि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का फायदा सभी विभागों के कर्मचारियों को एक साथ मिल सके। इस दौरान लेखा एवं ऑडिट संवर्ग के कर्मचारियों का ग्रेड-पे बढ़ाने की मांग पर फैसला समिति ले सकती है। कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के प्रवक्ता सुशील कुमार बच्चा के मुताबिक कई संवर्गों में अभी भी वेतन विसंगति है, जिसे दूर करने की मांग की गई है।
बढ़ सकता है लेखा संवर्ग का ग्रेड-पे
लेखा एवं ऑडिट विभाग के कर्मचारियों का ग्रेड-पे 2800 से 4200 करने की मांग कर्मचारी संगठनों की है। इसके अलावा फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन, ऑप्टोमिस्ट संवर्ग के कर्मचारियों का ग्रेड-पे 2800 से बढ़ाकर 4200 करने की मांग कर्मचारी संगठनों की है। इन संवर्ग की वेतन विसंगति दूर करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी वेतन समिति की भी बैठक हो चुकी है। मगर इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया था। अब वेतन समिति इन संवर्गों की वेतन विसंगति दूर करने पर भी कोई फैसला ले सकती है।