आंकड़ों की बाजीगरी से कम लगेगी मंहगाई, डीए गणना के फार्मूले में संशोधन का होगा असर, वेतन में मर्ज 125 फीसदी डीए हुआ शून्य।
केंद्र सरकार ने सातवें वेतन आयोग के नोटिफिकेशन के तहत 125 फीसदी महंगाई भत्ते (डीए) को मूल वेतन में मर्ज कर दिया है। इसके साथ ही डीए शून्य हो गया है और जुलाई में डीए की नए सिरे से गणना होगी। सातवें वेतन आयोग में अब डीए गणना नए फार्मूले के आधार पर होगी। इसके तहत महंगाई कम बढ़ेगी लेकिन डीए वृद्धि के तहत मिलने वाली रकम पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
दरअसल, छठवें वेतन आयोग के तहत मूल वेतन पर डीए वृद्ध का लाभ मिलता था लेकिन अब पूरे वेतन पर मिलेगा। उदाहरण के तौर पर छठवें वेतन आयोग में किसी कर्मचारी का मूल वेतन 10 हजार रुपये था, तो सात फीसदी डीए बढ़ोतरी पर उसे 700 रुपये डीए मिलता। सातवें वेतन आयोग में उसी कर्मचारी का अब कुल वेतन 25700 रुपये होगा। अगर 25700 रुपये पर सात फीसदी डीए वृद्धि का लाभ दिया जाता तो वास्तविक रकम बहुत ज्यादा हो जाती, सो इस परिस्थिति से निपटने के लिए डीए गणना के फार्मूले में ही संशोधन कर दिया गया। पहले अगर सात फीसदी डीए बढ़ता तो नए फार्मूले पर डीए तीन से चार फीसदी बढ़ेगा।
उदाहरण के अनुरूप नई व्यवस्था में महंगाई दर कम बढ़ेगी और आंकड़े साबित करेंगे कि लोगों को महंगाई से राहत मिल रही है लेकिन ऐसा होगा नहीं। कुल वेतन पर तीन से चार फीसदी डीए बढ़ने पर वास्तविक रकम उतनी ही होगी, जितनी छठवें वेतन आयोग के तहत सात फीसदी डीए वृद्धि पर मिलती थी। वर्षों से डीए गणना का सटीक आंकलन कर रहे आल इंडिया ऑडिट एंड एकाउंट एसोसिएशन के पूर्व सहायक महासचिव हरिशंकर तिवारी का कहना है कि डीए गणना का फार्मूला संशोधित हो गया है लेकिन सरकार ने स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट नहीं की है। हालांकि यह तय है कि बदली हुई व्यवस्था में जुलाई 2016 से महंगाई दर पहले के मुकाबले कम बढ़ेगी। यानी आंकड़ों में महंगाई से राहत मिलेगी।