लखनऊ : साप्ताहिक अवकाश का सपना देख रहे पुलिसकर्मियों के लिए खुशखबरी है। पहली बार प्रदेश स्तर पर सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर (नान गजटेड) तक को दस दिन काम करने के बाद 11 वें दिन अवकाश मिलेगा। शर्तो के साथ लागू की गयी इस व्यवस्था से करीब डेढ़ लाख पुलिसकर्मियों को लाभ मिलेगा। डीजीपी जावीद अहमद ने जन्माष्टमी पर ही यह सौगात दी लेकिन शुक्रवार को इसकी विधिवत घोषणा की गयी। यह व्यवस्था एक सितंबर से प्रभावी होगी।
पुलिसकर्मियों के अवकाश को लेकर जिले और थाना स्तर पर कई बार प्रयोग हुए लेकिन कुछ दिन बाद ही निष्प्रभावी हो गए। कार्यभार ग्रहण करने के बाद जावीद ने पहल की और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को एक प्रस्ताव भेजा। यादव की सहमति के बाद प्रदेश व्यापी एक शुरुआत की जा रही है। पुलिस महानिरीक्षक एसटीएफ रामकुमार ने शुक्रवार को पत्रकारों को बताया कि अवकाश न मिलने और लगातार काम के बोझ से पुलिसकर्मी मानसिक तनाव में रहते हैं। इस व्यवस्था से उन्हें सहूलियत मिलेगी।
अपरिहार्य स्थिति में रद होगा अवकाश :
आइजी रामकुमार के मुताबिक 11वें दिन अवकाश का लाभ सिर्फ थाना, चौकी, ट्रैफिक और नागरिक पुलिस में तैनात कर्मियों को ही मिलेगा। इन्हें हिदायत रहेगी कि तैनाती वाले जिलों से बाहर न जाएं। अपरिहार्य स्थिति में अवकाश निरस्त हो सकता है। अवकाश के लिए रोस्टर प्रणाली लागू की जाएगी।
थाना और यातायात प्रभारी का अवकाश एसपी की मर्जी पर:
थाना और यातायात प्रभारी उपनिरीक्षक और निरीक्षक का अवकाश एसपी तय करेंगे। उन्हें सामान्य व्यवस्था में अवकाश की सुविधा अनुमन्य नहीं होगी। सूबे में करीब 1500 थाने हैं।
ईएल, सीएल में बदलाव पुलिसकर्मियों को अर्जित अवकाश तथा आकस्मिक अवकाश के लिए अब नई व्यवस्था में ढलना होगा। पहले पुलिसकर्मी ईएल या सीएल लेने वाले दिन दोपहर को ही बारह बजे रवानगी कर लेते थे और छुट्टी बिताकर आमद 12 बजे दिन में कराते थे। अब रात्रि आठ बजे तक कार्य करने के बाद छुट्टी मिलेगी और छुट्टी बिताकर वापसी सुबह आठ बजे करनी होगी। इस व्यवस्था की मानीटरिंग के लिए संबंधित क्षेत्रधिकारी को जवाबदेह बनाया गया है।