नई दिल्ली । सरकारी नौकरियों के सफल उम्मीदवारों के लिए खुशखबरी है, केंद्र ने चरित्र प्रमाणपत्र और पृष्ठभूमि सत्यापन की मांग को लेकर नियुक्ति पत्र नहीं रोकने का फैसला किया है और कहा है कि वह उनकी स्वघोषणा पर भरोसा करेगा। लेकिन जो उम्मीदवार गलत सूचना देंगे, उन्हें फौजदारी और कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
कार्मिक मंत्रालय की शुक्रवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार, केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि नियुक्ति पत्र सफल उम्मीदवारों के चरित्र एवं पृष्ठभूमि के सत्यापन के लंबित रहने को लेकर रोककर रखने की जरूरत नहीं है। नियुक्ति प्राधिकार उम्मीदवार से सत्यापन और स्वघोषणा प्राप्त करने के बाद अंतरिम नियुक्ति पत्र जारी करेंगे।
विज्ञप्ति के अनुसार, नियुक्ति पत्र में इसका स्पष्ट उल्लेख होगा कि यदि उम्मीदवार का चरित्र एवं अन्य पृष्ठभूमि सत्यापित नहीं होती है, या उसकी स्वघोषणा में गलत सूचना दी जाती है तो अंतरिम नियुक्ति रद्द कर दी जाएगी और फलस्वरूप फौजदारी एवं कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। विज्ञप्ति के अनुसार, इस फैसले का लक्ष्य सरकार के ‘न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन’ के विजन को हासिल करना है और नागरिक केंद्रित सुशासन प्रदान करना है।
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब सरकारी नौकरियों में नियुक्तियांे में बहुत देरी इसलिए हो जाती है क्योंकि पुलिस सत्यापन में दो महीने से लेकर छह महीने तक का समय लग रहा है। वर्तमान प्रावधानों के अनुसार, सफल उम्मीदवारों को औपचारिक नियुक्ति आदेश जारी करने से पहले नियुक्ति प्राधिकार उनके चरित्र और पृष्ठभूमि का सत्यापन करते हैं। विज्ञप्ति कहती है कि सरकार ने फैसला किया है कि अब चरित्र एवं पृष्ठभूमि का सत्यापन होगा लेकिन नियुक्ति पत्र ऐसे सत्यापन के चलते रोककर रखने की जरूरत नहीं है।