लखनऊ : सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों की प्रक्रिया शुरू होने पर राज्य कर्मचारियों ने संतोष तो जताया है, लेकिन साथ ही चेताया भी है कि सरकार पिछली बार जैसा व्यवहार न करे। राज्य कर्मचारियों ने केंद्र के समान पदों पर नए वेतनमान की सिफारिशें तुरंत लागू करने व असमान पदों पर विसंगतियों का निराकरण तीन माह में करने की मांग की है।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के एसपी तिवारी गुट के महामंत्री आरके निगम ने बताया कि छठे वेतनमान की विसंगतियों का अब तक निराकरण नहीं हो पाया है। इसी वजह से सातवें वेतन आयोग के लिए बनी समिति को छठे आयोग की विसंगतियां दूर करने का भी जिम्मा सौंप दिया गया है। विसंगतियां दूर करने में ऐसी समितियां दो वर्ष से भी अधिक समय लेती रही हैं, जबकि इस बार ग्रेड पे से फिर पे स्केल में व्यवस्था बदल रही है, इसलिए वेतन समिति के सामने चुनौतियां पहले की अपेक्षा अधिक होंगी। कर्मचारी संगठन ने केंद्र सरकार द्वारा सातवें वेतन आयोग का नोटीफिकेशन जारी किए जाने से पहले प्रदेश में छठे वेतनमान की विसंगतियों को दूर करने की मांग की है, जिससे नोटीफिकेशन के बाद समिति को सातवें की बजाए छठे वेतनमान की विसंगतियों से न जूझना पड़े।
निगम ने बताया कि मांगें पूरी कराने के लिए दो सितंबर को कार्यबहिष्कार किया जाएगा और तब भी आदेश जारी न हुए तो इसे अनिश्चितकालीन समय तक बढ़ा दिया जाएगा। हरिकिशोर तिवारी गुट ने भी वेतन आयोग की विसंगतियों व प्रदेश सरकार से जुड़ी अन्य मांगों को लेकर 10 से 12 अगस्त तक तीन दिन की हड़ताल का कार्यक्रम बनाया है। राज्य कर्मचारी संगठनों ने केंद्रीय कर्मचारी संगठनों द्वारा हड़ताल निरस्त करने के फैसले पर नाराजगी जताई है।