लखनऊ : यदि आप दिव्यांग हैं और आपको प्रदेश के बाहर जाना है और रियायत का लाभ न मिलने को लेकर परेशान हैं तो आपकी परेशानी दूर होने वाली है। एक परिचय पत्र आपकी सभी परेशानियों को दूर कर देगा। इस नई योजना को लागू करने की तैयारियां पूरी हो गई हैं।
विशेष लोगों को दिव्यांग की श्रेणी में रखने के बाद अब उनका समान परिचय पत्र बनाकर परेशानियां दूर करने की कवायद शुरू हो गई है। यूनीक डिसएबिलिटी आइडी (यूडीआइडी) के माध्यम से न केवल दिव्यांग प्रमाणपत्रों में एकरूपता आएगी बल्कि सही दिव्यांगों को सुविधा का लाभ मिलेगा। लखनऊ मंडल को मॉडल के रूप में बनाया जाएगा। सभी दिव्यांगों को यूडीआइडी देने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश में 8.5 लाख दिव्यांगों को इस नई सुविधा का लाभ मिलेगा। प्रदेश में 35 लाख दिव्यांगों को चिह्न्ति किया गया है। इस नई व्यवस्था से प्रदेश के बाहर भी उन्हें परिवहन की सुविधाएं भी आसानी से मिल सकेंगी। सूबे के बाहर जाने पर परिवहन की सुविधा नहीं मिलती थी। प्रदेश के बाहर नौकरी के लिए आवेदन करने में भी उन्हें आसानी होगी। यूडीआइडी से किसी भी दिव्यांग की पड़ताल भी आसानी से की जा सकेगी।
ऐसे बनेगा यूडीआइडी :
ऐसे दिव्यांग जिन्हें पेंशन का लाभ मिल रहा है, उनका विवरण जिला विकलांग जन विकास कार्यालय में डिजिटल किया जाएगा और फिर उनका परिचय पत्र बनाया जाएगा। वहीं दूसरी ओर मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में नए दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आने वाले दिव्यांगों को तुरंत यूडीआइडी दे दी जाएगी। यह सुविधा निश्शुल्क होगी।
विकलांग जन विकास विभाग के संयुक्त निदेशक अखिलेंद्र कुमार ने बताया कि सभी मंडलों में यूडीआइडी बनाया जाएगा। राजधानी में इसकी शुरुआत सबसे पहले होगी। राजधानी में प्रशिक्षण की शुरुआत अगले सप्ताह से हो जाएगी।
एक बार यूडीआइडी बनने पर दिव्यांगों के प्रमाण पत्र में किसी भी तरह का बदलाव नहीं हो सकेगा। अभी तक दिव्यांग अपने जिले के बजाय दूसरे जिले से दिव्यांगता के प्रतिशत में बदलाव करा लेते थे और सुविधाओं का लाभ ले लेते थे।