लखनऊ : दीपावली से पहले राज्य सरकार कर्मचारियों को सातवां वेतनमान देने की तैयारी कर रही है। सोमवार को सीएम अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर समिति बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। समिति को छह महीने में रिपोर्ट सरकार को देनी है। समिति का स्वरूप मुख्यमंत्री तय करेंगे। सातवें वेतनमान का फायदा प्रदेश के करीब 21 लाख कर्मचारियों को मिलेगा। इनमें पांच लाख से ज्यादा पेंशनर्स शामिल हैं। कॉरपोरेशन और निकाय कर्मचारियों को नए वेतनमान के लिए फिलहाल इंतजार करना पड़ सकता है।
वित्त विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, कमिटी का गठन इसी हफ्ते होने की उम्मीद है। कमिटी में प्रमुख सचिव नियोजन, प्रमुख सचिव कार्मिक और सचिव (वित्त वेतन आयोग) शामिल होंगे। सीएम के कमिटी का स्वरूप तय करने के बाद समिति दो महीने में वेतनमान संबंधी रिपोर्ट सौंप देगी। इसके आधार पर संभवतः अक्टूबर से राज्य कर्मचारियों को बढ़े वेतनमान के मुताबिक सैलरी मिलने लगेगी। हालांकि भत्तों पर विस्तृत रिपोर्ट छह महीने में सौंप दी जाएगी। वित्त विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, छठा वेतनमान लागू करने में तीन महीने का समय लगा था। केन्द्र ने अगस्त 2008 में छठा वेतनमान लागू किया था। राज्य सरकार ने इसे दिसंबर 2008 में प्रभावी किया।
जल्द ही सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को राज्य में लागू करवा दिया जाएगा। कुल 24 हजार करोड़ रुपये का भार आएगा। - अखिलेश यादव, सीएम