लखनऊ : सातवें वेतन आयोग की समीक्षा समिति पांचवें व छठे वेतन आयोग की विसंगतियों पर भी विचार करेगी। कर्मचारी लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे।
केंद्र सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने के साथ इस बाबत अधिसूचना भी जारी कर दी है। केंद्रीय कर्मियों को अगले महीने से इसका लाभ मिलने लगेगा। प्रदेश सरकार भी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को स्वीकार करने के साथ समीक्षा समिति के गठन का फैसला कर चुकी है। मुख्यमंत्री के पास इस समिति के अध्यक्ष का नाम तय करने संबंधी फाइल वित्त विभाग ने भेजी है, जिस पर जल्द फैसला होने की उम्मीद है। सातवें वेतन आयोग के माध्यम से भले ही 25 फीसद तक औसत वृद्धि का अंदाजा लगाया जा रहा हो, किन्तु राज्य कर्मचारी इससे बहुत संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि अभी तक तमाम विभागों में पांचवें व छठे वेतन आयोग की सिफारिशें भी ठीक से नहीं लागू हो सकी हैं।
प्रमुख सचिव (वित्त) राहुल भटनागर ने बताया कि जिन कर्मचारियों को पांचवें या छठे वेतन आयोग से जुड़े लाभ नहीं मिल रहे हैं, उन्हें सातवें वेतन आयोग से किस तरह लाभान्वित किया जा सके, इसके सुझाव भी समीक्षा समिति से मांगे जाएंगे। इसके अलावा समिति से कहा जाएगा कि पांचवें व छठे वेतन आयोग से जुड़ी कैडर संबंधी विसंगतियों का समाधान भी सुझाए। पिछली वेतन समीक्षा समिति के सचिव रहे अजय अग्रवाल नयी समीक्षा समिति के भी सदस्य सचिव बनाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि अधिकांश निगमों के कर्मचारी ही पांचवें व छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के लाभ से वंचित हैं। दरअसल ये निगम घाटे में चल रहे हैं । बताया कि समीक्षा समिति इन निगमों के लिए पुनरुद्धार या विलय जैसे प्रस्तावों पर भी विचार करेगी।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी का कहना है कि तमाम निगम तो ऐसे हैं, जिनमें घाटा भी नहीं है।
चौथे वेतन आयोग पर अटके
अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम, वक्फ विकास निगम, लघु उद्योग निगम, गन्ना बीज विकास निगम, हथकरघा निगम, निर्यात निगम, स्पिनिंग एवं यार्न निगम, मत्स्य विकास निगम
अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम, वक्फ विकास निगम, लघु उद्योग निगम, गन्ना बीज विकास निगम, हथकरघा निगम, निर्यात निगम, स्पिनिंग एवं यार्न निगम, मत्स्य विकास निगम