लखनऊ : केंद्र सरकार द्वारा सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें माने जाने के बाद प्रदेश सरकार भी इसी साल कर्मचारियों को बढ़े वेतन की सौगात देने की तैयारी कर रही है। वित्त विभाग ने पहले साल 26,573 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च का आकलन किया है। सीएम के विदेश से लौटते ही समीक्षा समिति गठन का प्रस्ताव कैबिनेट के समक्ष लाया जाएगा।
अगले साल की शुरुआत में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव स्वयं दिसंबर में चुनाव की संभावना जता चुके हैं। ऐसे में राज्य सरकार चुनाव से पहले ही सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियां लागू करना चाहेगी। पड़ोसी राज्य उत्तराखंड ने अक्टूबर में ये संस्तुतियां लागू करने का फैसला कर लिया है, ऐसे में उत्तर प्रदेश के सामने भी अगले चार-पांच माह में ही फैसले की चुनौती है। यही कारण है कि वित्त विभाग से इस बाबत तत्परता बरतने को कहा गया है।
वित्त विभाग ने इन संस्तुतियों को लागू करने की स्थिति में आने वाले खर्च का आकलन कर लिया है। वित्त सचिव अजय अग्रवाल की अगुवाई में हुए इस आकलन के अनुसार यदि केंद्र की तरह पूरी संस्तुतियां स्वीकार कर ली जाती हैं, तो पहले साल 26,573 करोड़ अतिरिक्त खर्च आएगा।