नई दिल्ली : देश में 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चे अब घरेलू काम में मदद तो कर सकेंगे, लकिन उनसे पेशेवर काम नहीं लिया जा सकेगा। यह व्यवस्था मंगलवार को लोकसभा से पारित बाल मजदूर (रोकथाम एवं नियमन) संशोधन विधेयक 2016 में की गई है। राज्यसभा इस विधेयक पर पिछले सप्ताह ही मुहर लगा चुकी थी।
14 वर्ष से कम उम्र के बच्चे अब वन, खेतों और परिवार द्वारा संचालित छोटी इकाइयों में अपने परिवार की मदद कर सकेंगे। लेकिन इस उम्र के बच्चों से कोई पेशेवर काम नहीं लिया जा सकेगा। केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने विधेयक पारित करने की पुरजोर वकालत की। उन्होंने कहा कि यह पहला मौका है जब यह सुनिश्चित किया गया है कि 14 से 18 वर्ष की उम्र के किशोरों को किसी भी खतरनाक प्रकृति के काम में नहीं लगाया जा सकता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विधेयक में किए गए संशोधन ‘आवश्यक’ हैं। मंत्री ने कहा कि यह बच्चों को स्कूल जाने से हतोत्साहित नहीं करेगा। इतना ही नहीं विधेयक में कानून का उल्लंघन करने वालों के लिए जुर्माने की रकम और जेल की अवधि भी बढ़ा दी गई है। अभी तक तीन महीने से एक वर्ष कैद का प्रावधान था जिसे बढ़ाकर छह माह से दो वर्ष तक कर दिया गया है। इसी तरह 10,000 रुपये से 20,000 रुपये जुर्माने को बढ़ाकर 20,000 रुपये से 50,000 रुपये तक किया गया है।