लखनऊ : राज्य कर्मचारियों को बढ़े भत्ताें की सौगात जल्द मिलने की उम्मीद है। मंगलवार को मुख्य सचिव आलोक रंजन की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस बाबत सैद्धांतिक सहमति बन गयी। साथ ही ग्यारह विभागों की वेतन विसंगतियां दूर करने का भी फैसला हुआ।
अगले साल चुनाव और उससे पहले सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियां लागू होने के मद्देनजर प्रदेश सरकार राज्य कर्मचारियों की लंबित मांगों पर फोकस कर रही है। इसी के मद्देनजर मंगलवार को मुख्य सचिव समिति की बैठक में एक साथ 13 मसलों पर विचार विमर्श हुआ। उनमें मकान किराया भत्ता (एचआरए) की दरें तर्कसंगत बनाए जाने पर सहमति हनी। अभी एचआरए मूल वेतन पर देय होता है।
कर्मचारी संगठनों का कहना था कि लगातार बढ़ती महंगाई के मद्देनजर एचआरए को महंगाई भत्ते से जोड़ा (लिंक किया जाना) चाहिए। इस पर सहमति हन गयी है। जल्द ही इस बाबत पूरी कार्ययोजना बनाकर मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव (वित्त) की सहमति के बाद इस आशय का आदेश जारी होगा। इसी तरह फील्ड कर्मचारियों का परिवहन भत्ता बढ़ाने की मांग भी लंबे समय से लंबित थी। अभी साइकिल भत्ते के रूप में सौ रुपये मिलते हैं। कर्मचारियों की मांग है कि साइकिल भत्ते के स्थान पर मोटरसाइकिल भत्ता दिया जाए।