नई दिल्ली : केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए जल्द अच्छी खबर आ सकती है। जून के आखिर तक सरकार सातवें वेतन आयोग पर मंत्रिमंडल में मीटिंग करने वाली है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से आयोग की सिफारिशों को कैबिनेट के सामने रखा जाएगा। इसके बाद जल्द ही नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा।
बता दें कि अशोक कुमार माथुर की अगुआई वाले आयोग ने केंद्रीय कर्मियों का न्यूनतम वेतन 18 हजार करने की सिफारिश की है। माथुर ने कुछ महीने पहले वित्त मंत्री जेटली को अपनी सिफारिशें सौंपीं थीं। यह आयोग संप्रग सरकार ने फरवरी 2014 में बनाया था। इसे 18 महीने में रिपोर्ट सौंपनी थी। लेकिन इसकी टर्म अगस्त 2015 में चार महीने के लिए बढ़ा दी गई थी। 31 दिसंबर तक इन पर आखिरी फैसला होगा। आयोग के सुझावों को सरकार को एक जनवरी 2016 से लागू करना है। इन सिफारिशों का 47 लाख कर्मचारियों और 52 लाख पेंशनरों को फायदा मिलेगा। सरकार पर इस बढ़ोतरी से 1.2 लाख करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा।
आयोग ने सिफारिश की है कि केंद्रीय कर्मियों का वेतन 23.5 प्रतिशत बढ़ाया जाए। पेंशन में एवरेज 24 फीसदी की बढ़ोतरी हो। न्यूनतम बेसिक पे 7 हजार से बढ़ाकर 18 हजार रुपए किया जाए। वेतन में सालाना तीन प्रतिशत का इंक्रीमेंट हो। बेसिक पे 16 प्रतिशत और अलाउंस 67 प्रतिशत तक बढ़ाने की बात भी कही गई है। आयोग ने कहा है कि केंद्र के सभी कर्मियों के लिए भी वन रैंक-वन पेंशन हो। इसके दायरे में 10 साल पहले रिटायर हुए कर्मचारी भी होंगे। ग्रैच्युटी की लिमिट 10 से बढ़ाकर 20 लाख रुपए। जब भी डीए 50 प्रतिशत बढ़ेगा, ग्रैच्युटी लिमिट 25 फीसदी बढ़ेगी।
वेतन तय करने के लिए पे बैंड और ग्रेड पे का सिस्टम खत्म किया जाए। 56 तरह के अलाउंस खत्म किए जाएं, सभी को एक जैसी पेंशन मिले। पैरामिलिट्री फोर्स को शहीद का दर्जा दिया जाए। मिलिट्री सर्विस पे दोगुना हो। यह सिर्फ आर्मी पर लागू हो, बाकी पर नहीं।