इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि शादीशुदा से विवाह कर लेने पर किसी महिला को नौकरी से बर्खास्त कर देना कड़ा दंड है। इतना कड़ा दंड ऐसे मामलों में नहीं दिया जाना चाहिए। कोर्ट ने यह आदेश कानपुर में बर्खास्त एक महिला पुलिसकर्मी अनीता यादव की याचिका पर दिया है। याचिका पर सुनवाई न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने की।
कोर्ट ने कहा है कि शादीशुदा पुरुष से शादी कर लेने पर यूपी गवर्नमेंट सर्वेट कन्डक्ट रूल्स 1956 की धारा 29(4) के तहत सेवा से बर्खास्तगी का आदेश जारी करने का कोई प्रावधान नहीं है। विभागीय कार्रवाई पूरी करने के बाद लघु दंड ही दिया जा सकता है। कोर्ट ने इसी के साथ सिपाही की बर्खास्तगी रद कर उसे तत्काल बहाली का निर्देश दिया है। याची के अधिवक्ता विजय गौतम का तर्क था कि याची ने सिपाही ब्रजेश कुमार यादव से 20 मई 1995 को शादी की। उस समय उसे नहीं पता था कि ब्रजेश की शादी हो चुकी है और उससे चार बच्चे हैं। अधिवक्ता गौतम का कहना था कि याची की नियुक्ति बतौर सिपाही 15 मार्च 1994 को हुई थी।