नई दिल्ली : केंद्र सरकार 145 साल पुराने पेंशन कानून में संशोधन पर विचार कर रही है। इसी कानून के जरिए पेंशनधारकों को पेंशन से युक्त किया जाता है। फिलहाल 58 लाख केंद्रीय कर्मचारी पेंशनधारक हैं।
केंद्र सरकार पिछले कुछ समय से जिन निर्थक हो चुके पुराने कानूनों को हटाने पर विचार कर रही है उसके तहत 145 साल पुराने पेंशन एक्ट, 1871 पर भी विचार चल रहा है। हालांकि इस कानून को निर्थक कानूनों की सूची में नहीं रखा जाएगा चूंकि इसके कुछ प्रावधान पेंशनधारकों के हितों की रक्षा करते हैं।
लिहाजा, इस विषय में हाल ही में कार्मिक मंत्रलय ने कुछ चुनिंदा मंत्रलयों के साथ उनके इस विषय में विचार जानने के लिए बैठक की। इस कानून में संशोधन पर सहमति जताई गई लेकिन 1871 के इस कानून के पेंशनधारकों के लिए हितकर प्रावधानों को भी सुनिश्चित रखने की राय बनी। वित्तीय सेवाओं के विभाग के प्रतिनिधियों ने सुझाव दिया कि नए सिरे से बड़े पैमाने पर कानूनों में संशोधन के बजाय कुछ नियम उन प्रावधानों को सुरक्षित रखने के लिए बनाए जाएं जिनके तहत मौजूदा पेंशन कानून से पेंशन मिलती है। लिहाजा पेंशन एक्ट, 1871 के केवल उन्हीं प्रावधानों को संशोधन कर हटाया जाए जो एकदम ही बेकार और निर्थक हो चुके हैं।