नई दिल्ली : एक जनवरी 2016 से लागू होने वाले सातवें
वेतन आयोग का लाभ केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने का इंतजार जल्द खत्म हो
सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, सातवें वेतन आयोग के तहत अगले दो महीनों
में केंद्रीय कर्मचारियों को बढ़ी हुई सैलरी का लाभ मिल सकता है। एक न्यूज
चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, कर्मचारियों को बढ़ी हुई सैलरी जून या जुलाई
महीने तक मिल सकती है।
इस रिपोर्ट में सरकारी अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि सचिवों की अधिकार प्राप्त समूह सैलरी और पेंशन देने को लेकर वेतन आयोग की सिफारिशों पर जल्द सहमति प्रदान कर सकती है।
बता दें कि सरकार ने इसके लिए जनवरी में ही हाई पावर्ड पैनल बना दिया था, जिसे कैबिनेट सेक्रेट्री पीके सिन्हा हेड कर रहे हैं। इस पैनल को 7वें वेतन आयोग के सुझावों को लागू करवाना है। अगर 7वां वेतन आयोग लागू होता है तो इससे 47 लाख कर्मचारियों और 52 लाख पेंशनर्स को फायदा होगा। नए पे स्केल लागू होने के बाद एक अनुमान के तौर पर सरकार के ऊपर 1.02 लाख करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा।
7वें वेतन आयोग को 2016-17 में लागू किया जाना है। 7वें वेतन आयोग को लागू करने से खजाने पर पड़ने वाले बोझ संबंधी रिपोर्ट तैयार हो रही है।
गौर हो कि केंद्र सरकार से सातवें वेतन आयोग ने सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में कर्मचारियों के वेतन और भत्ते 23.55 फीसदी बढ़ाने की सिफारिश की थी और सैनिकों की तर्ज पर असैन्य कर्मचारियों के लिए भी ‘वन रैंक - वन पेंशन’ की व्यवस्था लागू करने की सिफारिश की थी। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को सौंपी गई वेतन आयोग की रिपोर्ट में मौजूदा कमर्चारियों के मूल वेतन में 16%, भत्तों में 63% और पेंशन में 24% इजाफे की सिफारिश की गई थी। न्यायमूर्ति एके माथुर की अगुवाई वाले इस सातवें वेतन आयोग ने सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18 हजार और अधिकतम 2.25 लाख रुपये तय करने की सिफारिश की थी। इसके अलावा आयोग ने केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में सालाना तीन फीसदी वृद्धि की भी सिफारिश की है। छठा वेतन आयोग 1 जनवरी, 2006 से लागू हुआ था और माना जा रहा है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी, 2016 से लागू हो जाएंगी। यानी कर्मचारियों को एरियर एक जनवरी 2016 से मिलेगा। आमतौर पर राज्यों द्वारा भी कुछ संशोधनों के साथ इन्हें अपनाया जाता है। एक महत्वपूर्ण सिफारिश में आयोग ने ग्रैच्युटी निर्धारण में अधिकतम वेतन की सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी है और जब कभी महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत तक बढ़ेगा, तो वेतन की अधिकतम सीमा में 25 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी।
इस रिपोर्ट में सरकारी अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि सचिवों की अधिकार प्राप्त समूह सैलरी और पेंशन देने को लेकर वेतन आयोग की सिफारिशों पर जल्द सहमति प्रदान कर सकती है।
बता दें कि सरकार ने इसके लिए जनवरी में ही हाई पावर्ड पैनल बना दिया था, जिसे कैबिनेट सेक्रेट्री पीके सिन्हा हेड कर रहे हैं। इस पैनल को 7वें वेतन आयोग के सुझावों को लागू करवाना है। अगर 7वां वेतन आयोग लागू होता है तो इससे 47 लाख कर्मचारियों और 52 लाख पेंशनर्स को फायदा होगा। नए पे स्केल लागू होने के बाद एक अनुमान के तौर पर सरकार के ऊपर 1.02 लाख करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा।
7वें वेतन आयोग को 2016-17 में लागू किया जाना है। 7वें वेतन आयोग को लागू करने से खजाने पर पड़ने वाले बोझ संबंधी रिपोर्ट तैयार हो रही है।
गौर हो कि केंद्र सरकार से सातवें वेतन आयोग ने सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में कर्मचारियों के वेतन और भत्ते 23.55 फीसदी बढ़ाने की सिफारिश की थी और सैनिकों की तर्ज पर असैन्य कर्मचारियों के लिए भी ‘वन रैंक - वन पेंशन’ की व्यवस्था लागू करने की सिफारिश की थी। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को सौंपी गई वेतन आयोग की रिपोर्ट में मौजूदा कमर्चारियों के मूल वेतन में 16%, भत्तों में 63% और पेंशन में 24% इजाफे की सिफारिश की गई थी। न्यायमूर्ति एके माथुर की अगुवाई वाले इस सातवें वेतन आयोग ने सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18 हजार और अधिकतम 2.25 लाख रुपये तय करने की सिफारिश की थी। इसके अलावा आयोग ने केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में सालाना तीन फीसदी वृद्धि की भी सिफारिश की है। छठा वेतन आयोग 1 जनवरी, 2006 से लागू हुआ था और माना जा रहा है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी, 2016 से लागू हो जाएंगी। यानी कर्मचारियों को एरियर एक जनवरी 2016 से मिलेगा। आमतौर पर राज्यों द्वारा भी कुछ संशोधनों के साथ इन्हें अपनाया जाता है। एक महत्वपूर्ण सिफारिश में आयोग ने ग्रैच्युटी निर्धारण में अधिकतम वेतन की सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी है और जब कभी महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत तक बढ़ेगा, तो वेतन की अधिकतम सीमा में 25 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी।