लखनऊ: इलाज में कैशलेस सुविधा दिए जाने समेत नौ मांगों पर सहमति बन जाने के बाद बुधवार से राज्य कर्मचारियों की प्रस्तावित अनिश्चितकालीन हड़ताल दो माह के लिए स्थगित हो गई है। हड़ताल पर अडिग कर्मचारियों के गुस्से को देखते हुए सरकार को मंगलवार को दो कार्यवृत्त जारी करने पड़े। दरअसल हड़ताल का आह्वान करने वाले राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के पदाधिकारियों ने शासन की तरफ से दोपहर में जारी किए गए कार्यवृत्त पर अपनी असंतुष्टता जताई थी और हड़ताल पर जाने की जानकारी मुख्य सचिव को दी थी। इसके बाद शासन स्तर पर फिर हुई बैठक में राज्य कर्मचारियों के हित में कई निर्णय लेते हुए संशोधित कार्यवृत्त जारी किया गया।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी, कार्यवाहक अध्यक्ष भूपेश अवस्थी, महामंत्री अतुल मिश्र, उपाध्यक्ष शिवबरन सिंह यादव व यदुवीर सिंह ने बताया कि सरकार की तरफ से जारी कार्यवृत्त से साफ है कि अब कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने के लिए वह गंभीर है। इसलिए बुधवार से प्रस्तावित हड़ताल को दो माह के लिए स्थगित कर दिया गया है। सरकार ने पहली बार राज्य कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारियों की भांति सभी भत्ताें को दिए जाने पर विचार करने की बात कही है।
प्रमुख सचिव लोकनिर्माण विभाग की तरफ से जारी कार्यवृत्त में कहा गया है कि मकान किराया भत्ता की दर को अधिक तर्कसंगत बनाने के लिए वित्त विभाग को विशेष रूप से परीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्य सचिव की तरफ से कहा गया है कि राज्य कर्मचारियों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराए जाने पर सरकार सामान्य तौर पर सहमत है। इसके लिए अधिकृत समिति की बैठकें निरंतर कराई जा रही हैं और शीघ्र ही कैशलेस सुविधा दिए जाने की प्रक्रिया का निर्धारण कर लिया जाएगा। इसके लिए वित्त विभाग को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। एक माह में कई संवर्गो की वेतन विसंगतियां दूर करने का आश्वासन दिया गया है और मुख्य सचिव की अध्यक्षता में वित्त, कार्मिक व प्रशासनिक विभाग की बैठक जल्द होगी।
परिषद पदाधिकारियों ने बताया कि नई पेंशन व्यवस्था को भी तर्कसंगत बनाने के लिए सरकार ने प्रमुख सचिव वित्त की अध्यक्षता में समिति गठित कर दी गई है। मुख्य सचिव ने वित्त विभाग को निर्देश दिया है कि जिन राज्य कर्मचारियों को एक भी प्रोन्नति का अवसर नहीं मिला है, उन विभागों से आख्या मंगाकर आवश्यक कार्यवाही की जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि उच्च पदों पर पदोन्नति के लिए परिवीक्षा अवधि पूरी तरह से समाप्त करने का निर्णय ले लिया गया है और संशोधित नियमावली भी जारी कर दी गई है। 31 दिसंबर 2001 तक विनियमित दैनिक वेतन व वर्कचार्ज के कर्मचारियों को पेंशन का लाभ देने के लिए वित्त विभाग की समिति दो माह में रिपोर्ट देगी।