लखनऊ : खुशखबरी। प्रदेश सरकार ने सभी कर्मचारियों को नई पेंशन योजना से जोड़ने की राह में आ रही बाधा दूर कर दी है। अभी तक विभागीय धनाभाव के कारण दो लाख से अधिक कर्मचारियों को नई योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था। अब सरकार ने वित्तीय प्रावधान कर दिया है ताकि सूबे के सभी कर्मचारी लाभान्वित हो सकें।
प्रदेश में एक अप्रैल 2005 के बाद नौकरी पाने वाले कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ नहीं मिलता है। प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों व सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों, पुलिस व पंचायतों सहित कई विभागों के दो लाख से अधिक कर्मचारी ऐसे हैं जिन्हें अब तक नई पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल सका है। इनमें से अधिकांश ने पेंशन योजना के लिए फॉर्म भी भर दिये और उनका कार्ड भी बन गया किन्तु पेंशन के लिए जरूरी धनराशि कटना शुरू नहीं हुई। वित्त सचिव अजय अग्रवाल के मुताबिक इन कर्मचारियों के संबद्ध विभागों ने धनाभाव के कारण पेंशन के लिए अंशदान दे पाने में असमर्थता जताई थी।
अब शासन ने सभी कर्मचारियों को पेंशन दिलाना सुनिश्चित कराने के लिए इन विभागों का धनाभाव दूर करने का फैसला किया है। इन सभी विभागों के लिए पेंशन योजना अंशदान के लिए पैसे का इंतजाम कर दिया गया है। अगले वित्तीय वर्ष में यह राशि आवंटित हो जाएगी और इसके बाद प्रदेश के सभी कर्मचारी नई पेंशन योजना से जुड़ सकेंगे।
दस-दस फीसद अंशदान : नई पेंशन योजना के दायरे में आने वाले कर्मचारियों का प्राविडेंट फंड भी नहीं कटता है। केंद्र सरकार की पहल पर नए कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना आई है, जिसमें कर्मचारी व सरकार के बराबर अंशदान से पेंशन प्रावधान है। इसमें कर्मचारियों के मूल वेतन में ग्रेड पे व डीए जोड़कर आने वाली राशि का दस फीसद कर्मचारियों की ओर से उतनी ही राशि राज्य सरकार की ओर से जमा की जाती है। इससे एकत्र राशि उनके लिए धन बचत का साधन भी बनती है और एक तरह से प्राविडेंट फंड के विकल्प के रूप में सामने आती है।अब शासन ने सभी कर्मचारियों को पेंशन दिलाना सुनिश्चित कराने के लिए इन विभागों का धनाभाव दूर करने का फैसला किया है। इन सभी विभागों के लिए पेंशन योजना अंशदान के लिए पैसे का इंतजाम कर दिया गया है। अगले वित्तीय वर्ष में यह राशि आवंटित हो जाएगी और इसके बाद प्रदेश के सभी कर्मचारी नई पेंशन योजना से जुड़ सकेंगे।