नई दिल्ली : बजट में पेंशन प्राप्त समाज बनाने की दिशा में अहम कदम उठाए गए हैं। इसके लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के तहत सेवानिवृत्ति के समय मिलने वाली कुल रकम में से 40 फीसद पर टैक्स से छूट का एलान किया गया है। इसके साथ ही एनपीएस और ईपीएफओ से कर्मचारियों को मिलने वाली सेवाओं को सर्विस टैक्स से मुक्त कर दिया गया है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि पेंशन प्राप्त समाज बनाने के लिए सभी पेंशन योजनाओं में समानता जरूरी है। इसी को ध्यान में रखकर ये बदलाव किए गए हैं। एनपीएस और ईफीएफओ को एक समान बनाने के लिए ईपीएफओ में अंशदान करने वाले नौकरी पेशा वर्ग को ईपीएफ़ निकालते समय सिर्फ 40 प्रतिशत राशि पर ही टैक्स छूट देने का प्रस्ताव किया गया है। इसके अलावा कुछ मामलों में सिंगल प्रीमियम वार्षिक बीमा पॉलिसियों पर सेवा कर अदा किए गए प्रीमियम को घटाकर 3.5 प्रतिशत से 1.5 करने का प्रस्ताव है।
वित्त मंत्री ने कहा कि पेंशन स्कीमें वरिष्ठ नागरिकों को वित्तीय सुरक्षा देने का काम करती हैं। इसके अलावा बजट में मान्यता प्राप्त भविष्यनिधि में नियोक्ता (कंपनी) के वार्षिक अंशदान की अधिकतम सीमा डेढ़ लाख रुपये तय कर दी गई है। गौरतलब है कि पेंशन योजनाओं द्वारा वृद्धावस्था के दौरान वित्तीय सुरक्षा और स्थायित्व दिया जाता है। राष्ट्रीय पेंशन योजना एक जनवरी, 2004 को शुरू की गई थी।