लखनऊ : अगले वर्ष विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने की उम्मीदें बढ़ रही हैं। प्रदेश सरकार ने सातवें वेतन आयोग की ओर कदम बढ़ाते हुए छठे आयोग की समीक्षा के लिए तैनात कर्मचारियों के पदों की निरंतरता फरवरी 2017 तक बढ़ा दी है।
बीते वर्ष केंद्र सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें स्वीकार कर ली थीं। नियमानुसार वेतन आयोग की सिफारिशें आने के बाद उनकी समीक्षा और स्वीकार्यता की प्रक्रिया चलती है। राज्य कर्मचारियों के साथ प्रदेश सरकार के समझौते के अनुसार केंद्र की संस्तुतियों को यहां लागू किया जाएगा। इसके लिए प्रदेश सरकार एक विशेष समीक्षा समिति का गठन करेगी।
वित्त विभाग के सचिव अजय अग्रवाल के अनुसार इस बाबत प्रक्रिया शुरू हो गयी है। जल्द ही समिति के अध्यक्ष व अन्य सदस्यों के नामों पर शासन स्तर से फैसला किया जाएगा। इससे पहले छठे वेतन आयोग की समीक्षा के लिए गठित समिति के सहयोग के लिए 27 पदों का सृजन हुआ था। इनमें से सात पदों की निरंतरता लगातार बढ़ाई जा रही थी। इनका कार्यकाल 29 फरवरी 2016 को समाप्त हो रहा था, किन्तु सातवें वेतन आयोग की समीक्षा समिति गठित होने की प्रत्याशा में इन पदों की निरंतरता 28 फरवरी 2017 तक बढ़ाने का शासनादेश गुरुवार को जारी हो गया है। इनमें वरिष्ठ शोध अधिकारी, शोध अधिकारी व लेखाकार-सह-कोषाध्यक्ष के एक-एक पद और अपर सांख्यिकीय अधिकारी के चार पद शामिल हैं। अन्य पदों का सृजन समिति की घोषणा के बाद किया जाएगा।