लखनऊ । कैशलेस चिकित्सा सुविधा समेत कई अन्य मांगें नहीं माने जाने से नाराज राज्य कर्मचारी 9 मार्च से बेमियादी हड़ताल पर चले जाएंगे। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने रविवार को इसका एलान किया। परिषद का दावा है कि इस हड़ताल में करीब 200 अन्य कर्मचारी संगठन और 17 लाख से अधिक कर्मचारी शामिल होंगे।
परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी व कार्यकारी अध्यक्ष भूपेश अवस्थी ने रविवार को पत्रकारों को बताया कि 7 प्रमुख मांगों पर मुख्य सचिव से कई बार वार्ता हो चुकी है। गत 8 फरवरी को भी प्रमुख सचिव वित्त व प्रमुख सचिव कार्मिक की मौजूदगी में हुई वार्ता के दौरान हफ्ते भर में सभी मांगों को मानते हुए शासनादेश जारी करने का वादा किया गया था। मुख्य सचिव ने 23 फरवरी से प्रस्तावित हड़ताल वापस लेने की अपील की थी। उसे देखते हुए दो हफ्ते के लिए हड़ताल स्थगित की गई है। इस अवधि में मांगें पूरी करने से संबंधित शासनादेश जारी नहीं हुआ तो 9 मार्च से करीब 17 लाख कर्मचारी बेमियादी हड़ताल पर चले जाएंगे।
तिवारी ने कहा कि कर्मचारियों की लंबित मांगों के निपटारे को लेकर अधिकारी हाईकोर्ट में हलफनामा दे चुके हैं। इसके बावजूद मांगें पूरी नहीं करके वे न्यायालय की भी अवमानना कर रहे हैं।
📌 प्रमुख मांगें
•राज्य कर्मचारियों को कैशलेश चिकित्सा सुविधा।
•केंद्र के समान राज्य कर्मियों को भत्ता।
•फील्ड में काम करने वाले कर्मचारियों को साइकिल भत्ता।
•नियमित हुए कर्मचारियों को संविदा अवधि की सेवाओं को जोड़कर पेंशन।
•सभी कार्मिकों को परिवहन भत्ता।
•सभी संवर्गों की वेतन विसंगति को तत्काल दूर करना।
•सरकारी विभागों में आउटसोर्सिंग, ठेकेदारी व निजीकरण व्यवस्था समाप्त करना।