नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने सीनियर अधिकारियों को निर्देश दिया है कि ऑफिस में पत्राचार के दौरान सरल और बोली जाने वाली हिंदी ही लिखी जाए। अधिकारियों को निर्देश मिला है कि जरूरत पड़े तो ट्रांसलेशन टूल का भी इस्तेमाल करें। सरकारी भाषा सचिव गिरीश शंकर ने केंद्रीय मंत्रालयों के सचिवों समेत सीनियर अधिकारियों को इस बाबत एक पत्र भेजा है। इसमें लिखा गया है कि सभी खत और आदेश सरल और सहज हिंदी में लिखें। साथ ही छोटे वाक्य का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया गया है।
पत्र में लिखा गया है कि अगर जरूरत पड़े तो हिंदी में लिखने के लिए गूगल वॉइस टाइपिंग ऐप्लिकेशन का भी इस्तेमाल करें। पत्र में बताया गया है कि केंद्र जल्द ही 5 लाख शब्दों के ऑनलाइन ट्रांसलेशन टूल को लाने जा रहा है। इसका इस्तेमाल भी हिंदी लिखने के लिए किया जा सकता है। आधिकारिक भाषा के मसले पर 8 जनवरी को गिरीश शंकर की अध्यक्षता में 20 मंत्रालयों की एक रिव्यू मीटिंग हुई। इसमें पता चला कि लगभग सभी मंत्रालयों में करीब-करीब 100 फीसदी लोग हिंदी बोल और समझ सकते हैं। लेकिन कई मामलों में आधिकारिक पत्राचार में हिंदी का इस्तेमाल 12 फीसदी से भी कम है। शंकर ने मीटिंग में कहा कि सीनियर अधिकारियों को हिंदी में बातचीत या काम करना चाहिए। ताकि जूनियर अधिकारियों को प्रोत्साहन मिले। शंकर ने अपने पत्र में हिंदी के इस्तेमाल को 'संवैधानिक दायित्व' बताते हुए अधिकारियों से रोज के काम में हिंदी का इस्तेमाल करने को कहा है। 8 जनवरी को हुई रिव्यू मीटिंग में यह बात भी उठी कि कई मंत्रालयों के पास अभी बाइलिंग्वल वेबसाइट नहीं है।