शिक्षामित्रों को सुप्रीम
कोर्ट से बड़ी राहत
बीटीसी प्रशिक्षण के खिलाफ दायर याचिका खारिज
अमर उजाला ब्यूरो
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में शिक्षा मित्रों को सहायक शिक्षक बनाए जाने के लिए सरकार की ओर से बेसिक टीचिंग सर्टिफिकेट (बीटीसी) या इसके समकक्ष प्रशिक्षण दिए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इन्कार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला शिक्षामित्रों के लिए राहत भरी खबर है। इससे पहले इलाहाबाद हाई कोेर्ट ने भी याचिका खारिज कर दी थी। टीईटी पास अभ्यर्थियों का कहना था कि बिना टीईटी किए किसी भी अभ्यर्थी को सहायक अध्यापक नियुक्त नहीं किया जा सकता।
जस्टिस एफएमआई कलीफुल्लाह की अध्यक्षता वाली पीठ ने शुक्रवार को संजीव कुमार राघव और अन्य लोगों की याचिका पर कहा, इसमें ऐसा कुछ नहीं जिस पर संबंधित पक्ष को नोटिस जारी किया जाए। पीठ ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे चाहे तो हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। जिसके बाद उन्होंनेे कहा कि वे याचिका वापस लेना चाहते हैं। इसे पीठ ने स्वीकार कर लिया। वास्तव में यूपी सरकार ने 1.72 लाख शिक्षा मित्रों को सहायक शिक्षक के तौर पर समायोजित करने से पूर्व बीटीसी या समकक्ष प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया था। इस निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसे ठुकरा दिया गया था।
•शीर्ष कोर्ट ने कहा- याचिका में ऐसा कुछ नहीं जिस पर नोटिस जारी किया जाए
तब उन्होंने कहा कि वे याचिका वापस लेना चाहते हैं। इसे पीठ ने स्वीकार कर लिया। गौरतलब है कि यूपी सरकार ने 1.72 लाख शिक्षामित्रों को सहायक शिक्षक के तौर पर समायोजित करने से पूर्व बीटीसी या समकक्ष प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया था। इस निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसे ठुकरा दिया गया था।
माननीय उच्चतम न्यायालय का आदेश