नियमावली के कुछ खास बिंदु
लखनऊ : अगर आपने सूचना आयोग में अपील दायर की है और उस पर मोबाइल नंबर भी दर्ज किया है तो अब पंजीकरण नंबर पता करने के लिए दौड़ना नहीं पड़ेगा। कंप्यूटर पर अपील दर्ज होते ही मोबाइल फोन पर मैसेज से सारी जानकारियां मिल जाएंगी।
हाईटेक होने की तरफ बढ़ रहे सूचना आयोग ने यह नई व्यवस्था की है। इसी तरह आने वाले दिनों में सूचना आयोग की नई वेबसाइट भी मददगार साबित होगी। मुख्य राज्य सूचना आयुक्त जावेद उस्मानी ने बताया कि एसएमएस से अपील का पंजीकरण नंबर पहुंचने लगा है और जल्द ही वेबसाइट पर सूचना का अधिकार कानून से जुड़ी नई जानकारियां मिलेंगी। उन्होंने बताया कि जनवरी से आयोग गोमतीनगर के विभूतिखंड स्थित दफ्तर में काम करने लगेगा।
शब्द सीमा पांच सौ होगी
सूचना मांगने के लिए शब्द सीमा पांच सौ कर दी गई है तो अफसर भी लगाए गए दंड से बच नहीं पाएंगे। सूचना का अधिकार नियमावली 2015 में दंड वसूली को सुनिश्चित करते हुए उसका फॉलोअप करने का भी जिक्र है। पीठ को अधिकार होगा कि वह कई किश्तों में वसूली का आदेश जारी कर सकता है। नियमावली से जुड़ी जानकारी मुख्य राज्य सूचना आयुक्त जावेद उस्मानी ने पत्रकारों को दी। उन्होंने कहा कि नियमावली के लागू होने से सूचना का अधिकार अधिनियम को लागू कराने में और पारदर्शिता आएगी। उन्होंने बताया कि दंड की वसूली अब सुनिश्चित होगी। इसी तरह सुनवाई के समय स्थगन की प्रक्रिया, एक पीठ से दूसरी पीठ में स्थानांतरण की भी व्यवस्था होगी। आवेदन से लेकर अपील समेत अन्य कार्रवाई अब प्रोफार्मा पर होगी।
मुख्य सूचना आयुक्त जावेद उस्मानील्ल जन सूचना अधिकारी (अब राज्य लोक सूचना अधिकारी) को दिए जाने वाले आवेदन पत्र का प्रारूप निर्धारित किया गया है, जिससे जन सूचना अधिकारी के समक्ष सभी आवश्यक विवरण उपलब्ध हो सके और उसको आवेदक से अनावश्यक पत्र-व्यवहार न करना पड़े। शिकायत या अपील हिंदी व अंग्रेजी में ही की जाएगी।
आवेदन पत्र निस्तारित करने की प्रक्रिया निर्धारित की गई है, जिससे आवेदन पत्रों का निस्तारण पूरे प्रदेश में एक सुव्यवस्थित तरीके से सुनिश्चित किया जा सके।
सूचना मांगने के आवेदन पत्र के साथ जमा किए जाने वाले शुल्क व अतिरिक्त शुल्क यदि लागू हो, उसके संबंध में नियमों का प्राविधान किया गया है।
जन सूचना अधिकारी द्वारा निर्धारित समयावधि में सूचना उपलब्ध न कराए जाने अथवा गलत सूचना उपलब्ध कराए जाने से क्षुब्ध आवेदक द्वारा अधिनियम की धारा 18 के तहत आयोग के समक्ष शिकायत दर्ज करने तथा उक्त शिकायत के निस्तारण की प्रक्रिया का निर्धारण किया गया है।
जन सूचना अधिकारी के समक्ष अधिनियम के प्राविधानों के तहत सूचना उपलब्ध कराए जाने के आवेदन पत्र पर लिए गए निर्णय से क्षुब्ध आवेदक द्वारा अधिनियम की धारा 19(1) के तहत प्रथम अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष प्रथम अपील दायर करने की प्रक्रिया का निर्धारण किया गया है।
जन सूचना अधिकारी अथवा प्रथम अपीलीय प्राधिकारी द्वारा लिए गए निर्णय से क्षुब्ध आवेदक द्वारा अधिनियम की धारा 19(3) के तहत राज्य सूचना आयोग के समक्ष द्वितीय अपील दायर करने की प्रक्रिया का निर्धारण किया गया है।
सुनवाई के दौरान आयोग द्वारा नोटिस जारी किए जाने की प्रक्रिया, विभिन्न पक्षों की सुनवाई में उपस्थिति से संबंधित प्रक्रिया, सुनवाई के स्थगन की प्रक्रिया, सुनवाई को आयोग के एक पीठासीन अधिकारी से दूसरे पीठासीन को अंतरित किए जाने की प्रक्रिया का निर्धारण किया गया है।
नियमावली में यह व्यवस्था भी की गई है कि यदि आयोग द्वारा यह पाया जाता है कि उसके द्वारा पारित आदेश में प्रक्रियात्मक त्रुटि है तो उक्त आदेश को वापस लिए जाने की प्रक्रिया क्या होगी।
सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 20 के तहत अर्थदंड के लागू किए जाने एवं अर्थदंड की वसूली की प्रक्रिया का भी नियमावली में प्राविधान किया गया है।1ल्लराज्य सूचना आयोग के सचिव एवं रजिस्ट्रार के कार्यों एवं दायित्वों के संबंध में नियमावली में प्राविधान किया गया है।
प्रदेश के 18000 जन सूचना अधिकारियों को प्रशासनिक प्रबंधन अकादमी में प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। इसके लिए 65 लाख रुपये मिले हैं।