- शिक्षक बोले, देरी से योजना लागू होने से नुकसान
लखनऊ
। सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं में नई पेंशन योजना का क्रियान्वयन
कराने के लिए वित्त नियंत्रक उच्च शिक्षा, इलाहाबाद ने सभी क्षेत्रीय उच्च
शिक्षाधिकारियों को निर्देश दिए हैं। क्षेत्रीय उच्च शिक्षाधिकारी अभिदाता
अंशदान के डाटाबेस के रख-रखाव और अभिदाता (शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारी)
अंशदान फाइल में अपलोड करने की जिम्मेदारी संभालेंगे, जबकि वित्त
नियंत्रक उच्च शिक्षा को राज्य स्तरीय नोडल अधिकारी बनाया गया है।
नई
पेंशन योजना के तहत आने वाले शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का
पंजीकरण एनएसडीएल के नजदीकी सुविध केंद्र को उपलब्ध कराने के निर्देश शासन
पहले ही दे चुका है, जिससे कि उन्हें परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर
आवंटित हो सके।
इस संबंध में जारी शासनादेश
को लेकर लुआक्टा के पूर्व अध्यक्ष डॉ. मौलिंदू मिश्रा ने कहा कि नई योजना
पहले ही नुकसानदायक है। उस पर इसे प्रदेश में देर से लागू करने पर और
नुकसान हो रहा है। इसमें एक अप्रैल, 2005 और उसके बाद से नियुक्त शिक्षक व
कर्मचारी शामिल हैं।
यदि उसी समय इसका
क्रियान्वयन होता तो उन सभी के वेतन से तभी 10 फीसदी कटौती शुरू
हो जाती और उतना ही सरकारी खाते से भी अंशदान मिलता। लेकिन इसे
लगभग 10 साल बाद लागू किया जा रहा है। अब इनकी कटौती 2015-16 से होगी।
खबर साभार : अमर उजाला