- आयोग के अनुसार प्रकाश सत्यार्थी को मिला है शांति का नोबल पुरस्कार
इलाहाबाद।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की भर्ती परीक्षाओं मेें गलत जवाब को सही माने
जाने का विवाद थमता नहीं दिख रहा। नए अध्यक्ष के तमाम दावों के बावजूद
प्रवक्ता बीएड स्क्रीनिंग परीक्षा में आयोग ने गलत जवाब को सही माना है।
अभ्यर्थियों के दावे सही हैं तो सामान्य अध्ययन के मात्र 30 में से 12
प्रश्नों के जवाब गलत हैं। इससे प्रतियोगियों में नाराजगी है। भ्रष्टाचार
मुक्ति मोर्चा की ओर से इसके खिलाफ हाईकोर्ट जाने तथा आंदोलन की घोषणा की
गई है।
आयोग ने पिछले साल 27 दिसंबर को
स्क्रीनिंग परीक्षा कराई थी। इसकी उत्तर कुंजी दो दिसंबर को जारी की गई।
गौर करने वाली बात यह है कि अभ्यर्थियों के अनुसार आयोग ने 2014 का नोबेल
शांति पुरस्कार के भारतीय विजेता प्रकाश सत्यार्थी को माना है। जबकि, सही
जवाब कैलाश सत्यार्थी है। इसी तरह से प्रतियोगियों के अनुसार दिए गए
विकल्पों में ध्वनि का वेग अधिकतम स्टील में होता है। जबकि, आयोग ने पानी
सही जवाब माना है। प्रतियोगियों का कहना है कि आयोग के अनुसार भूकंप की
तीव्रता का मापन हेक्टेयर में होता है, जबकि सही जवाब रिक्टर है। इसी तरह
से सितंबर-2014 में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति पद का कार्यभार अशरफ गनी
अहमदजई ने संभाला था लेकिन आयोग के अनुसार हामिद करजई सही जवाब है। सवाल
था, रक्त और लोहा की नीति में विश्वास करता था- आयोग के अनुसार रजिया।
जबकि, प्रतियोगियों के अनुसार बलबन सही उत्तर है। आयोग के अनुसार गोखले के
राजनीतिक गुरु राजा राममोहन राय थे। जबकि, प्रतियोगियों के अनुसार एमजी
रानाडे थे। इसी तरह से जालियांवाला बाग त्रासदी से जुड़ा सैन्य अधिकारी
आयोग के अनुसार आर्थर वेलस्ली थे। जबकि, अभ्यर्थियों केअनुसार सही जवाब
डायर है। भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा के कौशल सिंह का कहना है कि इनके अलावा
सीरीज ए के प्रश्न संख्या 143, 144, 147, 149, 150 के जवाब भी गलत हैं।
मोर्चा की अलग-अलग बैठक में आयोग के इन जवाब पर आपत्ति जताई गई।
प्रतियोगियों की ओर से शनिवार को आयोग में ज्ञापन सौंपा जाएगा। शिवदत्त
द्विवेदी का कहना है कि आयोग की भर्तियों में यह शिकायत आम है। चहेतों को
लाभ पहुंचाने के लिए यह सब जानबूझकर किया जा रहा है। राज्यपाल, मुख्यमंत्री
के अलावा कार्मिक मंत्रालय तथा राज्य कार्मिक सचिव को भी इससे अवगत कराया
जाएगा। कौशल कहना है कि इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की जाएगी।
मोर्चा की ओर से पीसीएस से सैट को हटाने या 2016 से क्वालीफाइंग करने तथा
प्रभावित प्रतियोगियों को अतिरिक्त अवसर देने की मांग को लेकर सात दिसंबर
को शांति मार्च की भी घोषणा की गई है।