लखनऊ। प्रदेश सरकार जुलाई से मिलने वाले महंगाई भत्ते का भुगतान दिसंबर के वेतन के साथ जनवरी में करने की तैयारी कर रही है। कर्मचारियों की मांग के बावजूद इसके पहले डीए मिलने की संभावना नजर नहीं आ रही है।
जानकार बताते हैं कि वित्त वर्ष के आम बजट में ही अनुमानित महंगाई भत्ते व बोनस के लिए रकम का प्रावधान कर लिया जाता है। सरकार चाहे तो इन देयकों का समय से भुगतान कर सकती है। पर वित्तीय प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए सरकार एक साथ बड़ी रकम राजकोष से निकालने से बचती है। इसीलिए पहले बोनस फिर डीए देने की कवायद शुरू होती है। यही वजह है कि छह प्रतिशत महंगाई भत्ता (डीए) बढ़े हुए तीन महीने बीत रहे हैं लेकिन सरकार भुगतान की कार्यवाही नहीं कर पाई है।
वित्त विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बढ़े हुए डीए का भुगतान बीती जुलाई से होना है। इसके लिए जुलाई से नवंबर तक के डीए की बढ़ी हुई रकम जीपीएफ में जमा करने और दिसंबर से बढ़े डीए का नकद भुगतान करने का विचार हो रहा है। मतलब ये कि दिसंबर के वेतन के साथ बढ़े हुए डीए का नकद भुगतान होगा, जो नए साल पर जनवरी में मिलेगा। वह बताते हैं कि इसमें कुछ नया नहीं है। पहले भी इसी तरह होता रहा है।