लखनऊ : पदोन्नति में आरक्षण एवं परिणामी ज्येष्ठता का लाभ उठाकर पदोन्नति के बाद रिवर्ट हुए कर्मियों के प्रत्यावेदनों का निस्तारण सुनिश्चित किया जाएगा। मुख्य सचिव आलोक रंजन ने इस आशय के आदेश जारी किये हैं।
मुख्य सचिव ने सभी प्रमुख सचिवों, सचिवों, विभागाध्यक्षों, कार्यालयाध्यक्षों, मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों को भेजे आदेश में कहा है कि शासन के संज्ञान में यह तथ्य लाए गए हैं कि कतिपय प्रकरणों में शासनादेशों के प्रावधानों से भिन्न आधार पर पदावनति की कार्रवाई की गयी है। इसी कारण पदावनत किये गए कर्मचारी प्रत्यावेदन प्रस्तुत कर रहे हैं। इस प्रकार प्राप्त प्रत्यावेदनों का निस्तारण नियमानुसार किया जाना आवश्यक है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए उन्होंने कहा है कि पदावनति से क्षुब्ध कर्मियों के प्रत्यावेदनों पर प्रमुख सचिव (कार्मिक) द्वारा निर्णय लिए जाने हैं।
आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अवधेश वर्मा ने कहा कि समिति की लड़ाई रंग लायी है। उन्होंने शासनादेश की प्रति सभी विभागों के संयोजकों को बांट कर कहा है कि गलत तरीके से रिवर्ट किये गए सभी कार्मिक तीन नवंबर तक अपना प्रत्यावेदन विभागाध्यक्षों को जरूर दे दें।