लखनऊ (ब्यूरो)। सरकारी सेवकों ने यदि तय व्यवस्था का उल्लंघन कर सीधे उच्चतम स्तर पर पत्राचार किया या प्रत्यावेदन दिया तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। मुख्य सचिव आलोक रंजन ने इस संबंध में कड़े दिशानिर्देश जारी किए हैं।
शासन के संज्ञान में आया है कि सरकारी सेवक सेवा संबंधी मामलों व अन्य मामलों में सीधे सीधे उच्चतम स्तर पर पत्राचार कर रहे हैं। यह उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक आचरण नियमावली 1956 का उल्लंघन है। नियम में व्यवस्था है कि सेवा संबंधी मामलों में प्रत्यावेदन व पत्राचार उचित माध्यम से किया जाएगा। इसी में स्पष्ट है कि इसमें अपने से ठीक वरिष्ठ अधिकारी या कार्यालयाध्यक्ष अथवा विभागाध्यक्ष को प्रस्तुत किए जाने चाहिए। नियमावली में यह भी व्यवस्था है कि कोई सरकारी कर्मी या उसके परिवार का कोई सदस्य तय चैनल का उल्लंघन कर सरकार या किसी अन्य अथॉरिटी को सीधे प्रत्यावेदन नहीं दे सकता है। मुख्य सचिव ने समस्त प्रमुख सचिवों व सचिवों, समस्त विभागाध्यक्षों व प्रमुख कार्यालयाध्यक्षों तथा समस्त मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों को इस संबंध में कड़ा निर्देश जारी किया है।