सरकार की लेटलतीफी से राज्यकर्मियों में नाराजगी
इलाहाबाद। एक तरफ केंद्रीय कर्मियों को महंगाई भत्ता (डीए) और बोनस मिल गया, वहीं राज्यकर्मियों को अब भी राहत का इंतजार है। केंद्र में तो पेंशनरों को भी डीए का लाभ दे दिया गया है। प्रदेश सरकार की लेटलतीफी से राज्य के कर्मचारियों और पेंशनरों में नाराजगी है। गत पांच अक्तूबर को लखनऊ में हुई पेंशनर सलाहकार समिति में सदस्यों ने प्रमुख सचिव वित्त से मांग भी की है कि डीए का भुगतान जल्द से जल्द किया जाए।
राज्यकर्मियों को उम्मीद थी कि उन्हें भी केंद्रीय कर्मचारियों के समान दशहरे पर डीए का तोहफा मिलेगा लेकिन प्रदेश सरकार ने डीए पर कोई निर्णय नहीं लिया और न ही इस बाबत अब तक कोई घोषणा की। कर्मचारियों को डीए न मिलने से पेंशनरों को भी अब तक यह लाभ नहीं मिल सका है। राज्यकर्मियों और पेंशनरों को दशहरा डीए के इंतजार में ही बीत गया है। इस बीच केंद्र के अराजपत्रित कर्मचारियों के लिए लिए सरकार ने बोनस की भी घोषणा कर दी और केंद्रीय वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने बोनस भुगतान के आदेश भी जारी कर दिए लेकिन राज्यकर्मियों को बोनस का भी अब तक लाभ नहीं मिल सका है। इससे कर्मचारियों और पेंशनरों में नाराजगी है।
गत पांच अक्तूबर को पेंशनर सलाहकार समिति की बैठक में प्रमुख सचिव वित्त के समक्ष यह मुद्दा भी उठाया गया तो उन्होंने आश्वस्त किया कि फाइल स्वीकृत होने के लिए भेजी गई है। लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के संयोजक हनुमान प्रसाद श्रीवास्तव का कहना है कि प्रदेश सरकार हर साल डीए के भुगतान में विलंब करती है। कर्मचारियों को डीए का एरियर भी नगद नहीं मिलता। ऐसे में विलंब की वजह से कर्मचारियों को एरियर पर ब्याज का नुकसान भी उठाना पड़ता है। उन्होंने मांग की है कि सरकार जल्द से जल्द डीए और बोनस भुगतान का आदेश जारी करे।