इलाहाबाद : हाईकोर्ट ने कहा है कि केवल आपराधिक कार्रवाई लंबित रहने के आधार पर ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं रोका जा सकता। कोर्ट ने पुलिस कांस्टेबल रहे याची को चार माह के भीतर पेंशन सहित अन्य सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने शिवपाल सिंह की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।
कोर्ट ने सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान रोकने के एसएसपी आगरा के आदेश को भी रद कर दिया है। याची के अधिवक्ता बीएन सिंह राठौर का कहना था कि सरकार ग्रेच्युटी का भुगतान किसी अपराध में दोषी पाए जाने या आर्थिक नुकसान पहुंचाने वाले अपराधों पर ही रोक सकती है। ऐसा अपराध जिसमें आर्थिक नुकसान न हुआ हो या दोषी न ठहराया गया हो तो कर्मचारी के सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान नहीं रोका जा सकता।