सीतापुर। जिन मवालियों से अभी तक बालिकाएं डरती थीं
उनसे दो-दो हाथ करने के लिए बालिकाएं खुद ही सक्षम होगी। अगर किसी ने
उन्हें छेड़ने की जुर्रत की तो वह उसे कड़ा सबक सिखा सकेंगी। सरकार ने
बालिकाओं को जूडो प्रशिक्षण देने की योजना तैयार की है। जिसके लिए वाकायदा
प्रशिक्षणकर्ता रखा जाएगा जो तीन-तीन माह का प्रशिक्षण देगा। अक्सर देखने
में आता है कि सड़क के किनारे से निकलने वाली बालिकाओं को शोहदे व मजनू्रछाप
लोग छेड़ते रहते हैं। यही नहीं कभी कभी इससे भी बड़ी घटनाएं हो जाती हैं जो
बेहद शर्मसार होती हैं। इन घटनाओं के पीछे का मकसद बालिकाओं का आत्मरक्षा
के लिए सक्षम न होना है। मगर अब ऐसा नहीं हो सकेगा। सरकार ने बालिकाओं को
आत्मरक्षा के लिए सक्षम बनाने हेतु एक कार्ययोजना तैयार की है। जिसके तहत
उन्हें तीन महीने तक जूडो सिखाया जाएगा। जिसमें उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी
कि शोहदों के छेड़ने या उन पर हमला करते समय उनसे कैसे निपटे। इसके लिए सभी
जिलों पर ट्रेनर रखे जाएंगे जो कि मान्यता प्राप्त जूडो कराटे संगठनोें के
होंगे। प्रथम वरीयता महिला ट्रेनरों को दी जाएगी, अगर उपलब्धता संख्या के
अनुसार नहीं हुई तो पुरुषों की भर्ती की जाएगी। तीन तीन माह का प्रशिक्षण
होगा। प्रशिक्षक एक दिन में तीन विद्यालयों से अधिक प्रशिक्षण नहीं देगा।
- गठित हुई समिति
सरकार ने इस मामले में डीएम को समिति गठन करने के निर्देश दिए हैं। जिसके
तहत आज एक बैठक डीएम की अध्यक्षता में होनी थी मगर उनकी अनुपस्थित में
सीडीओ की अगुवाई तथा डीआईओएस राजा भानुप्रताप सिंह के नेतृत्व में एक बैठक
का आयोजन सीडीओ कार्यालय में किया गया। जिसमें नियमानुसार डीएम को अध्यक्ष,
डीआईओएस को सचिव तथा सदस्य पद पर जिला क्रीडा अधिकारी नीरज मिश्र,
जीजीआईसी प्रधानाचार्य, ताइक्वांडोें के सनी बेग एवं नेहरू युवा केंद्र से
किसी को सदस्य बनाया जाएगा। बैठक में शासन की मंशानुरूप कार्य करने के
निर्देश जारी किए गए।