लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने गुजरात में वल्लभ भाई पटेल की दुनिया में सबसे ऊंची प्रतिमा स्थापित करने का अभियान शुरू किया और गांव-गांव से लोहा दान कराया गया। माना जाता है कि लोकसभा चुनाव में पटेल मतदाताओं के बड़े वर्ग ने भाजपा का समर्थन भी किया। अब 31 अक्टूबर को भाजपा ‘एकता दिवस’ मनाने जा रही है, जिसमें विचार गोष्ठी से लेकर एकता के लिए दौड़ समेत कई कार्यक्रम प्रस्तावित हैं। इसके जरिये भाजपा राज्य केतकरीबन पौने दो करोड़ पटेल मतदाताओं को पाले में गोलबंद करने का प्रयास करेगी। पूर्वाचल, बुंदेलखंड और बरेली मंडल की 50 से अधिक सीटों के परिणामों में उलटफेर करने की हैसियत में है।
पटेल वोटों के ध्रुवीकरण कराने के इस प्रयास को भांपकर सपा के पूर्व सांसद बाल कुमार पटेल, सपा विधायक राम सिंह पटेल ने कुर्मी बिरादरी के क्षत्रपों के साथ मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मंगलवार व बुधवार को लगातार मुलाकात की और उन्हें भाजपा के ‘एकता दिवस’ से पड़ने वाले सियासी प्रभाव से अवगत कराया। इन लोगों ने वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर अवकाश घोषित कर भाजपा के अभियान की धार खत्म करने का सुझाव भी दिया। इस पर मुख्यमंत्री ने सैद्धांतिक सहमति व्यक्त की है।
सूत्रों का कहना है कि 31 अक्टूबर को ही समाजवादी चिंतक आचार्य नरेंद्र देव की जयंती भी है, लिहाजा सरकार इस दिन अवकाश घोषित कर ‘एक तीर से दो निशाने’ साधने की तैयारी में है। शासन के उच्च पदस्थ अधिकारी ने स्वीकार किया कि 31 अक्टूबर को अवकाश घोषित करने की सरकार की मंशा पर अमल की तैयारी की जा रही है।