नई
दिल्ली। सरकार ने फैक्ट्रियों में काम करने वाले कर्मचारियों को दिवाली का
उपहार देते हुए बोनस की गणना के लिए वेतन सीमा को दोगुना कर दिया है।
कैबिनेट की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार, बोनस का भुगतान (संशोधन)
विधेयक, 2015 को मंजूरी दे गई है। इसके अनुसार बोनस की गणना के लिए वेतन
सीमा मौजूदा 3,500 रुपये से बढ़ा कर 7,000 रुपये कर दी गई है। यह संशोधन
विधेयक पहली अप्रैल 2015 से प्रभावी होगा। अब इस विधेयक को संसद में मंजूरी
के लिए पेश किया जाएगा। इस विधेयक में बोनस के भुगतान के लिए पात्रता सीमा
बढ़ाए जाने का प्रस्ताव भी है। विधेयक में बोनस भुगतान के लिए वेतन की
अधिकतम सीमा दस हजार रुपये प्रति माह से बढ़ा कर 21,000 रुपये करने का
प्रावधान है। बोनस भुगतान का कानून, 1965 सभी फैक्ट्रियों और ऐसे
प्रतिष्ठानों पर लागू होता है जहां अकाउंटिंग वर्ष के किसी भी दिन 20 या
इससे अधिक कर्मचारी काम करते हैं। यह विधेयक एक नया प्रावधान धारा 12
उपलब्ध कराता है जो केंद्र सरकार को यह अधिकार देता है कि वह बोनस गणना के
आधार को परिवर्तित कर सकती है। वर्तमान में धारा 12 के तहत अगर किसी
कर्मचारी का वेतन 3,500 रुपये से अधिक है तो उसे अधिकतम या न्यूनतम देय
बोनस की गणना 3,500 रुपये प्रति माह के वेतन के हिसाब से ही की जाती है।
एजेंसी
खबर साभार : अमर उजाला
केंद्रीय कर्मियों की बढ़ेगी बोनस सीमा
वेतन की अधिकतम मासिक सीमा दोगुना करने का प्रस्ताव मंजूर
नई दिल्ली (भाषा)। सरकार ने औद्योगिक कर्मचारियों के बोनस की गणना के लिए
मासिक वेतन की अधिकतम सीमा 3,500 रुपए से बढ़ाकर सात हजार रुपए प्रति माह
किए जाने के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दी। इससे संबंधित संशोधन विधेयक
संसद में प्रस्तुत किया जाएगा। बोन कानून ऐसे सभी सभी प्रतिष्ठानों पर लागू
होता है जहां 20 या उससे अधिक कर्मचारी काम करतेे हैं। कैबिनेट की बैठक के
बाद एक सूत्र ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बोनस आकलन की अधिकतम सीमा
वेतन सीमा को मौजूदा 3,500 रुपए से बढ़ाकर सात हजार रुपए प्रति महीना किए
जाने को लेकर बोनस भुगतान (संशोधन) विधेयक, 2015 को मंजूरी दे दी। संशोधित
प्रावधन को एक अप्रैल 2015 से प्रभावी बनाने का प्रस्ताव है। इस प्रस्ताव
को संसद में रखा जाएगा। मंत्रिमंडल के निर्णय के अनुसार, विधेयक में बोनस
भुगतान के लिए वेतन की अधिकतम सीमा 10 हजार रुपए से बढ़ाकर 21 हजार रुपए
प्रति महीना किए जाने का भी प्रस्ताव है। इस तरह अब 21 हजार रुपए मासिक
वेतन वाले बोनस के प्रात्र माने जाएंगे। बोनस भुगतान कानून 1965 सभी
कारखानों तथा प्रतिष्ठानों पर लागू होगा जहां लेखा वर्ष में किसी भी दिन 20
या उससे अधिक लोग कार्यरत हैं। विधेयक में धारा 12 में नए प्रावधान शामिल
किया गया है। यह केंद्र सरकार को बोनस के आकलन के आधार में अंतर का अधिकार
देता है। फिलहाल धारा 12 के तहत किसी कर्मचारी का वेतन 3,500 रुपए प्रति
महीना से अधिक हो तो भी उसके न्यूनतम बोनस की गणना 3,500 रुपए प्रति महीना
के आधार पर की जाती है। इससे पहले बोनस की पात्रता के लिए अधिकमत मासिक
वेतन व गणना के लिए अधिकतम मासिक वेतन की सीमाओं को 2007 में संशोधित किया
गया था और उसे एक अप्रैल 2006 से लागू किया गया था।
खबर साभार : डीएनए