- संबद्ध प्राइमरी में शिक्षक भर्ती में जेडी का अधिकार बहाल
- शासन ने आठ दिन बाद जारी किया संशोधित शासनादेश
- संयुक्त शिक्षा निदेशकों के पद का महत्व हो गया था कम
सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में भर्ती के नाम पर कब कौन सा गुल खिल जाए
इसका भगवान ही मालिक है। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने आठ दिन पहले शासनादेश
जारी करते हुए संबद्ध प्राइमरी में शिक्षकों की भर्ती के बाद वेतन अनुमति
की फाइल मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों को भेजने की व्यवस्था समाप्त कर दी
थी। इसी तरह अल्पसंख्यक इंटर कॉलेजों के लिए भी व्यवस्था थी। इस शासनादेश
के बाद मंडलों में बनाए गए संयुक्त शिक्षा निदेशकों के पद का महत्व कम हो
गया था। सूत्रों का कहना है कि अल्पसंख्यक
और संबद्ध प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति में दखल खत्म होने के
बाद से ही प्रदेशभर के मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक सक्रिय हो गए। छह दिन
बाद ही माध्यमिक शिक्षा निदेशालय से संशोधित प्रस्ताव भेजा गया, जिसमें
संबद्ध प्राइमरी में शिक्षकों की नियुक्ति में जेडी का दखल बहाल करने की
बात कही गई।
शुक्रवार को संयुक्त सचिव
माध्यमिक शिक्षा सीपी सिंह की ओर से संशोधित शासनादेश जारी हुआ। इसमें कहा
गया कि सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों के संबद्ध प्राइमरी में शिक्षकों व
प्राध्यापकों की नियुक्ति के बाद वेतन अनुमति संबंधी फाइल पहले की तरह 19
दिसंबर 2000 को जारी शासनादेश के आधार पर गठित मंडलीय समिति को भेजी जाएगी।
मंडलीय
समिति ऐसे प्रकरणों को अधिकतम तीन सप्ताह में हर हाल में निस्तारित करेगी।
मंडलीय समिति यदि निस्तारित नहीं करती, तो प्रबंधक माध्यमिक शिक्षा निदेशक
को प्रत्यावेदन दे सकता है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक एक माह में नियमत:
निस्तारित करते हुए आदेश जारी करेगा। अल्पसंख्यक इंटर कॉलेजों के लिए भी
संशोधन हुआ है। पद रिक्त होने के तीन माह में भर्ती का विज्ञापन स्कूल
प्रबंधन को निकालना होगा। ऐसा न होने पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक की अनुमति
के बाद रिक्त पदों पर भर्तियां हो सकेंगी। अल्पसंख्यक इंटर कॉलेजों में
भर्ती संबंधी वेतन अनुमति के लिए फाइल मंडलीय समिति को नहीं भेजी जाएगी।