लखनऊ
(ब्यूरो)। प्रमोशन में आरक्षण खत्म करने के मामले पर सरकार और आगे बढ़ गई
है। मंगलवार को एक बैठक में कार्यवाहक मुख्य सचिव आनंद मिश्र ने सभी
विभागों के प्रमुख सचिवों को जानकारी भेजने का प्रोफार्मा देते हुए उनसे
इसी प्रारूप में विभागवार ब्यौरा एकत्र कराके शासन को उपलब्ध कराने के
निर्देश दिए। साथ ही उनसे प्रत्येक अधिकारी और कर्मचारी के बारे में राय भी
मांगी गई है।
प्रमुख सचिव नियुक्ति एवं
कार्मिक राजीव कुमार की तरफ से सभी विभागों के प्रमुख सचिवों को भेजे पत्र
में 15 नवंबर 1997 से 28 अप्रैल 2014 तक आरक्षण का लाभ पाकर पदोन्नत हुए
कार्मिकों के बारे में जानकारी मांगी गई है। पत्र में स्पष्ट कर दिया गया
है कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का अक्षरश: पालन करते हुए पूरा ब्यौरा 9
सितंबर तक हर हाल में शासन को उपलब्ध करा दिया जाए ताकि सरकार 10 सितंबर
को सर्वोच्च न्यायालय के सामने पूरी स्थिति रख सके।
- इन बिंदुओं पर मांगी गई जानकारी : अधिकारी या कर्मचारी का नाम, वर्तमान पदनाम, प्रथम, द्वितीय व तृतीय पदोन्नति (तिथि और वेतनमान सहित) की जानकारी। संबंधित कर्मी के बारे में उसके विभागाध्यक्ष की राय। यह हिदायत भी दी गई है कि 15 नवंबर 1997 से 28 अप्रैल 2014 के बीच आरक्षण का लाभ पाकर पदोन्नति पाने वाला कोई अधिकारी या कर्मचारी यदि रिटायर हो गया है तो भी उसका ब्यौरा भेजें।
खबर साभार : अमर उजाला
पदोन्नति में आरक्षण का मामला : अधिकारियों को पदावनत करने की उल्टी गिनती शुरू
लखनऊ : सचिवालय के तीन निजी सचिव और करीब बारह समीक्षा अधिकारी भी
एक पद नीचे आ जाएंगे तो राजकीय निर्माण निगम में दो महाप्रबंधक समेत सौ
अभियंताओं को पदावनत करने की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। सिंचाई विभाग में
59 अभियंताओं को पहले ही पदावनत किया जा चुका है जबकि कर्मचारियों की सूची
तैयार की जा रही है। लोकनिर्माण विभाग ने भी पदावनत किए जाने वाले
कर्मचारियों को पदावनत किए जाने का परीक्षण कर सूची तैयार करना शुरू कर दी
है।
पंद्रह सितंबर तक पदावनत कर सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार को सूची सौंपनी है। इस कारण हर विभाग पदोन्नति में आरक्षण और परिणामी ज्येष्ठता का लाभ पाए अनुसूचित जाति और जनजाति के अधिकारियों व कर्मचारियों की सूची बनाने में लगा है। शिक्षा विभाग में 40 हजार शिक्षक और कर्मचारी प्रभावित होंगे। इसमें शिक्षकों की संख्या अधिक है। पहले चरण में प्रथम व द्वितीय श्रेणी के करीब बीस हजार अधिकारियों को पदावनत किया जाएगा। इसके बाद अन्य कर्मचारियों पर यह कार्यवाही होगी।
आरक्षण समर्थकों की सुलतानपुर में रैली आज : पदोन्नति में आरक्षण दिए जाने की मांग को लेकर आरक्षण बचाओ महारैली का आयोजन बुधवार को सुलतानपुर में होगा। आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अवधेश कुमार वर्मा और केबी राम ने बताया कि सुल्तानपुर के बाद जल्द ही लखनऊ में भी आरक्षण समर्थकों की रैली होगी। उनका कहना था कि पदोन्नति में आरक्षण बिल को जानबूझ कर कर केंद्र सरकार लटका रही है और इसका खामियाजा उसे बिहार चुनाव में भुगतना पड़ सकता है। इसे लेकर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व दलित नेता जीतन राम मांझी को भी वस्तुस्थिति से अवगत करा दिया गया है और उन्होंने प्रधानमंत्री के समक्ष पूरा मामला रखने का आश्वासन भी दिया है।
पंद्रह सितंबर तक पदावनत कर सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार को सूची सौंपनी है। इस कारण हर विभाग पदोन्नति में आरक्षण और परिणामी ज्येष्ठता का लाभ पाए अनुसूचित जाति और जनजाति के अधिकारियों व कर्मचारियों की सूची बनाने में लगा है। शिक्षा विभाग में 40 हजार शिक्षक और कर्मचारी प्रभावित होंगे। इसमें शिक्षकों की संख्या अधिक है। पहले चरण में प्रथम व द्वितीय श्रेणी के करीब बीस हजार अधिकारियों को पदावनत किया जाएगा। इसके बाद अन्य कर्मचारियों पर यह कार्यवाही होगी।
आरक्षण समर्थकों की सुलतानपुर में रैली आज : पदोन्नति में आरक्षण दिए जाने की मांग को लेकर आरक्षण बचाओ महारैली का आयोजन बुधवार को सुलतानपुर में होगा। आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अवधेश कुमार वर्मा और केबी राम ने बताया कि सुल्तानपुर के बाद जल्द ही लखनऊ में भी आरक्षण समर्थकों की रैली होगी। उनका कहना था कि पदोन्नति में आरक्षण बिल को जानबूझ कर कर केंद्र सरकार लटका रही है और इसका खामियाजा उसे बिहार चुनाव में भुगतना पड़ सकता है। इसे लेकर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व दलित नेता जीतन राम मांझी को भी वस्तुस्थिति से अवगत करा दिया गया है और उन्होंने प्रधानमंत्री के समक्ष पूरा मामला रखने का आश्वासन भी दिया है।