Searching...
Saturday, August 22, 2015

सभी विभागों को पदावनत संबंधी शासनादेश जारी, पदावनति के बाद भी कम नहीं होगा वेतन, लेकिन वरिष्ठ के वेतन के बराबर आने तक फ्रीज़ रहेगा वेतन


  • शासनादेश
  • वित्तीय हानियों का अंतर वैयक्तिक वेतन के जरिए होगा दूर
  • मुख्य सचिव ने सभी विभागों को पदावनत संबंधी शासनादेश जारी किया
  • पदावनति के बाद भी कम नहीं होगा वेतन 
  • रिवर्ट होने वाले पाएंगे नुकसान के बराबर वैयक्तिक वेतन  
  • प्रमोशन वाले पाएंगे आरक्षित वर्ग के जूनियर से कम पैसा

सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद हरकत में आई राज्य सरकार ने शुक्रवार को आरक्षण के तहत प्रोन्नत कर्मचारियों को पदावनत करने का शासनादेश भी जारी कर दिया। इसमें स्पष्ट किया गया है कि फिलहाल पदावनत कर्मियों का वेतन कम नहीं किया जाएगा। निचले पद पर जाने के बाद होने वाली वित्तीय हानि को वैयक्तिक वेतन देकर पूरा किया जाएगा। 

मुख्य सचिव आलोक रंजन की ओर से सभी विभागों को जारी किए गए शासनदेश के अनुसार 28 अप्रैल 2012 के पूर्व एवं 15 नवंबर 1997 के बाद प्रोन्नत कर्मियों को पदावनत किया जाएगा। पदावनत किए गए आरक्षित श्रेणी के कार्मिक को परिवर्तित पद का वेतन ही अनुमन्य होगा। पदावनति के ठीक एक पूर्व के माह में कर्मी को प्राप्त हो रहीं परिलब्धियां (मूल वेतन, महंगाई भत्ते व अन्य भत्ता) में कोई वित्तीय हानि न हो, इसके लिए उन्हें वैयक्तिक वेतन अनुमन्य किया जाएगा। यह राशि पदावनति के बाद प्राप्त होने वाली परिलब्धियों और पदावनति के ठीक पूर्व के माह में मिल रही परिलब्धियों के अंतर के बराबर होगी। वैयक्तिक वेतन आगे के वर्षो में उसी अनुपात में कम होता जाएगा जिस सीमा तक कर्मचारी के मूल वेतन में वार्षिक वेतन वृद्धि व अन्य भत्ताें सहित सकल वेतन में वृद्धि हो रही है। पदावनत कर्मी की कुल मासिक परिलब्धियां तब तक फ्रीज रहेंगी जब तक कि उसके आसन्न वरिष्ठ कर्मी की परिलब्धियां उसके बराबर या अधिक न हो जाएं।

शासनादेश में यह स्पष्ट किया गया है कि आरक्षण का लाभ प्राप्त कर प्रोन्नत हुए कर्मी पदावनति के बाद पदावनत पद के अनुरूप ही सुविधाएं प्राप्त करेंगे। पदावनतकर्मी को प्राप्त हो रही परिलब्धियों (वैयक्तिक वेतन भी शामिल) के आधार पर वरिष्ठता क्रम का कोई लाभ नहीं प्राप्त होगा। अनारक्षित वर्ग के पदधारकों द्वारा इस आधार पर वैयक्तिक वेतन की मांग नहीं की जाएगी कि वे पदावनतकर्मी से वरिष्ठ हैं। पदावनति के परिणाम स्वरूप जो रिक्तियां उपलब्ध होंगी, उन पर संशोधित वरिष्ठता सूची के आधार पर ही पदोन्नति की कार्यवाही की जाएगी।1मुख्य सचिव द्वारा सभी प्रमुख सचिव, सचिव, विभागाध्यक्ष, कार्यालयाध्यक्ष, मंडलायुक्त व जिलाधिकारियों को जारी आदेश मिलते ही विभिन्न विभागों में पदावनति की कवायद भी शुरू हो गई है।उत्तर प्रदेश लोक सेवा (अनुसूचित जातियों जनजातियों एवं अन्य पिछड़े वर्गो के लिए आरक्षण) अधिनियम-1994 की धारा-3(7) के प्रावधान के अनुसार पदोन्नति में आरक्षण का लाभ देकर 15 नवंबर, 1997 के बाद पदोन्नत कार्मिकों को उनसे कनिष्ठ कर्मी जिस स्तर पर कार्यरत हों, उस स्तर तक पदावनत किया जाएगा।



लखनऊ। प्रमोशन में आरक्षण और परिणामी ज्येष्ठता की बदौलत पदोन्नति पाने वालों को पदावनत (रिवर्ट) होने की दशा में भी सैलरी वही रहेगी। यानी उन्हें कोई आर्थिक नुकसान नहीं होगा। इसके लिए सरकार ने नए वेतन का ढांचा तय कर दिया है। इसके तहत रिवर्ट होने वाले को मौजूदा पद के वेतन और नए पद के वेतन के अंतर के बराबर वैयक्तिक वेतन दिया जाएगा। पर, इसकी गणना इनके पेंशन और कटौती के संदर्भ में नहीं की जाएगी। फॉर्मूले के अनुसार, सामान्य व पिछड़े वर्ग के कार्मिक वरिष्ठता और पदोन्नति तो पा जाएंगे, बावजूद इसके इनका वेतन आरक्षित वर्ग के अपने जूनियर से कम ही रहेगा। अनुसूचित जाति के अधिकारियों व कर्मचारियों को रिवर्ट करने संबंधी आदेश में इस बारे में स्पष्ट कर दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक, मुख्य सचिव आलोक रंजन ने सभी विभागों को तत्काल इस आदेश पर अमल कर पूरा ब्यौरा सरकार को भेजने का निर्देश दिया है। गौरतलब है कि प्रदेश सरकार को इस बारे में 15 सितंबर तक कार्रवाई करके सर्वोच्च न्यायालय को बताना है। मुख्य सचिव के आदेश के बाद विभागों में रिवर्ट होने वाले कर्मियों की सूची बनाने का काम शुरू हो गया है। फाइलों को खंगालकर वरिष्ठता सूची को नए सिरे से बनाने के निर्देश दे दिए गए हैं। इस आदेश से लगभग आरक्षित वर्ग के 20 हजार लोगों के रिवर्ट होने का अनुमान है। उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय ने 28 अप्रैल 2012 को पदोन्नति में आरक्षण और परिणामी ज्येष्ठता की व्यवस्था को असंवैधानिक घोषित कर दिया था। साथ ही 15 नवंबर 1997 के बाद प्रमोशन में आरक्षण और परिमाणी ज्येष्ठता के आधार पर पदोन्नति पाने वाले कर्मियों को रिवर्ट करने को कहा था।



संबन्धित खबरों के लिए क्लिक करें

GO-शासनादेश NEWS अनिवार्य सेवानिवृत्ति अनुकम्पा नियुक्ति अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण अवकाश आधार कार्ड आयकर आरक्षण आवास उच्च न्यायालय उच्‍च शिक्षा उच्चतम न्यायालय उत्तर प्रदेश उत्तराखण्ड उपभोक्‍ता संरक्षण एरियर एसीपी ऑनलाइन कर कर्मचारी भविष्य निधि EPF कामधेनु कारागार प्रशासन एवं सुधार कार्मिक कार्यवाही कृषि कैरियर कोर्टशाला कोषागार खाद्य एवं औषधि प्रशासन खाद्य एवम् रसद खेल गृह गोपनीय प्रविष्टि ग्रामीण अभियन्‍त्रण ग्राम्य विकास ग्रेच्युटी चतुर्थ श्रेणी चयन चिकित्सा चिकित्‍सा एवं स्वास्थ्य चिकित्सा प्रतिपूर्ति छात्रवृत्ति जनवरी जनसुनवाई जनसूचना जनहित गारण्टी अधिनियम धर्मार्थ कार्य नकदीकरण नगर विकास निबन्‍धन नियमावली नियुक्ति नियोजन निर्वाचन निविदा नीति न्याय न्यायालय पंचायत चुनाव 2015 पंचायती राज पदोन्नति परती भूमि विकास परिवहन पर्यावरण पशुधन पिछड़ा वर्ग कल्‍याण पीएफ पुरस्कार पुलिस पेंशन प्रतिकूल प्रविष्टि प्रशासनिक सुधार प्रसूति प्राथमिक भर्ती 2012 प्रेरक प्रोबेशन बजट बर्खास्तगी बाट माप बेसिक शिक्षा बैकलाग बोनस भविष्य निधि भारत सरकार भाषा मत्‍स्‍य मंहगाई भत्ता महिला एवं बाल विकास माध्यमिक शिक्षा मानदेय मानवाधिकार मान्यता मुख्‍यमंत्री कार्यालय युवा कल्याण राजस्व राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद राज्य सम्पत्ति राष्ट्रीय एकीकरण रोक रोजगार लघु सिंचाई लोक निर्माण लोक सेवा आयोग वरिष्ठता विकलांग कल्याण वित्त विद्युत विविध विशेष भत्ता वेतन व्‍यवसायिक शिक्षा शिक्षा शिक्षा मित्र श्रम सचिवालय प्रशासन सत्यापन सत्र लाभ सत्रलाभ समन्वय समाज कल्याण समाजवादी पेंशन समारोह सर्किल दर संवर्ग संविदा संस्‍थागत वित्‍त सहकारिता सातवां वेतन आयोग सामान्य प्रशासन सार्वजनिक उद्यम सार्वजनिक वितरण प्रणाली सिंचाई सिंचाई एवं जल संसाधन सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम सूचना सेवा निवृत्ति परिलाभ सेवा संघ सेवानिवृत्ति सेवायोजन सैनिक कल्‍याण स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन स्थानांतरण होमगाडर्स