हाईकोर्ट ने आरक्षण के लाभ के तहत प्रोन्नत अनुसूचित जाति व अनुसूचित
जनजाति के कर्मचारियों को पदावनत करने पर लगी रोक हटा ली है। इससे ऐसे
कर्मचारियों को पदावनत करने का रास्ता साफ हो गया है।
- सरकार से मांगा था जवाब:
यह आदेश न्यायमूर्ति राकेश तिवारी एवं न्यायमूर्ति मुख्तार अहमद की
खंडपीठ ने दिया है। कोर्ट ने पिछली सुनवाई में इन कर्मचारियों को पदावनत
करने पर रोक लगाते हुए सरकार से जवाब मांगा था। प्रदेश के महाधिवक्ता विजय
बहादुर सिंह ने बुधवार को जवाब दाखिल किया। इसमें कहा गया है कि राज्य
सरकार ने डिमोशन का फैसला पर्याप्त विचार-विमर्श और अध्ययन के बाद लिया है।
- सुनवाई जारी रहेगी:
बुधवार की सुनवाई में महाधिवक्ता ने यह भी कहा डिमोशन
पर लगी रोक प्रमोशन में आरक्षण पर दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विपरीत
है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर ही इन कर्मचारियों को
पदावनत करने की नीति बनाई है। इसके बाद कोर्ट ने 31 जुलाई को डिमोशन पर
लगाई गई रोक हटा ली। हालांकि मामले की सुनवाई जारी रहेगी।