- कैबिनेट बैठक में शिक्षक पुरस्कार नियमावली में संशोधन
- अब शिक्षक पुरस्कारों में नहीं चलेगा जुगाड़
यूनिवर्सिटी और डिग्री कॉलेजों में शिक्षकों को दिए जाने वाले पुरस्कारों में अब बैकडोर का जुगाड़ नहीं चलेगा। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में विश्वविद्यालय और डिग्री कॉलेजों में सराहनीय योगदान देने वाले अध्यापकों को राज्य सरकार द्वारा दिए जाने वाले सरस्वती और शिक्षक श्री पुरस्कारों की नियमावली में बदलाव कर दिया गया है। अब इसके लिए यूजीसी द्वारा तय एपीआई (एनुअल परफॉर्मेंस इंडीकेटर) को आधार माना जाएगा।
पुरस्कारों का आवेदन करने से पूर्व एपीआई को दर्ज करना अनिवार्य होगा।सरकार सरस्वती पुरस्कार के रूप में तीन लाख रुपये, प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिह्न और शिक्षक श्री के लिए डेढ़ लाख रुपये देती है। इसके अलावा पुरस्कारों के लिए शासन स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमिटी और उच्च शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में भी अलग से स्क्रीनिंग कमिटी बना दी गई है। चयन समिति ही पुरस्कार के प्रस्तावों की छंटनी करेगी। इसके बाद सीएम का अनुमोदन लिया जाएगा। पुरस्कारों की घोषणा 15 अगस्त को की जाएगी और इन्हें 5 सितंबर को
बांटा जाएगा।