- आरक्षण से प्रमोट हुए कर्मचारियों के डिमोशन पर रोक
- हाईकोर्ट ने यूपी सरकार सेे तीन हफ्ते में मांगा जवाब
- एससी-एसटी की पदावनति पर रोक की याचिका
हाईकोर्ट ने आरक्षण का लाभ पाकर प्रोन्नत हुए एससी-एसटी के
सरकारी कर्मचारियों की पदावनति पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी है।
अदालत ने इस मामले में प्रदेश सरकार से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है।
न्यायमूर्ति राकेश तिवारी और न्यायमूर्ति मुख्तार अहमद की खंडपीठ ने
अनुसूचित जाति, जनजाति व पिछड़ावर्ग कल्याण संगठन और अन्य की ओर से दाखिल
याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। कोर्ट ने याची को भी जवाब देने के
लिए दो हफ्ते का समय दिया है। गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने आरक्षण के
आधार पर पदोन्नति वाले सभी कर्मचारियों का डाटा विभागों से 10 अगस्त तक
उपलब्ध कराने को कहा है।
प्रदेश सरकार के अधिवक्ता ने अदालत में याचिका का विरोध करते हुए कहा कि पदावनति का निर्णय सही है।
- क्या है याचिका में:
याचिका
में आरक्षण पाकर प्रमोट हुए कर्मचारियों को डिमोट करने की यूपी सरकार की
नीति को चुनौती दी गई है। कहा गया है कि तमाम सरकारी विभागों में एससी-एसटी
का प्रतिनिधित्व अभी तक पूरा नहीं हो सका है। जातियों के प्रतिनिधित्व का
पता करने के लिए एक आयोग बनाया जाए। इसके बाद ही प्रोन्नति या पदावनति पर
कोई निर्णय लिया जाए।