लखनऊ।
राज्य कर्मचारियों को अब दूसरा एश्योर्ड कॅरिअर प्रमोशन (एसीपी) मिलने में
पदोन्नति आड़े नहीं आएगी। शासन ने दूसरी एसीपी पाने के लिए प्रमोशन की
तिथि से 10 साल सेवा की शर्त हटा ली है। यानी अब कर्मी 16 साल की सेवा पूरी
होने पर दूसरी एसीपी पा सकेंगे। इससे कर्मचारियों की बड़ी वेतन विसंगति
दूर हो गई है।
प्रमुख सचिव वित्त राहुल
भटनागर ने बताया कि 10, 16 और 26 साल पर एसीपी के नियम है। पर, दूसरी
एसीपी से पहले 10 साल की सेवा की शर्त बड़ी विसंगति की वजह बनी हुई थी। इस
विसंगति के चलते कर्मचारी अपने जूनियर कर्मी से कम वेतन पाने लगते थे। शासन
ने इस समस्या का समाधान कर दिया है। अब वरिष्ठ कर्मी भले ही एक पदोन्नति
पा चुका है उसे 16 साल की सेवा पूरी करने पर दूसरी एसीपी मिल जाएगी। इससे
उसका वेतन जूनियर से कम होने जैसी दिक्कत नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि पहली
एसीपी व तीसरी एसीपी के संबंध में कई विसंगतियां पहले ही दूर की जा चुकी
हैं। दूसरी एसीपी से जुड़ी विसंगति भी अब दूर कर दी गई है। इस संबंध में
आदेश जारी कर दिए गए हैं।
- क्या है एसीपी
समय
से पदोन्नति न पाने वाले कर्मियों को वित्तीय स्तरोन्नयन यानी बढ़ी
तनख्वाह देने का नियम है। इसमें कर्मियों को अगले पद का पदनाम तो नहीं मिल
पाता है लेकिन वेतनमान मिल जाता है। एसीपी सेवा काल में तीन बार मिलती है।
- विसंगति के चलते ऐसे होता था नुकसान