- अब पुलिस कर्मियों को ऑनलाइन मिलेगी जीपीएफ की जानकारी
- डीजीपी ने ऑनलाइन सेवा का किया शुभारंभ
पुलिस विभाग के दीवान, सिपाही व फॉलोवरों को अब अपने जीपीएफ की
जानकारी के लिए बाबुओं के चक्कर नहीं लगाने होंगे। ये जानकारी उन्हें
ऑनलाइन मिलेगी। डीजीपी एके जैन ने इसके लिए शुक्रवार को ऑनलाइन पोर्टल का
शुभारंभ किया।
डीजीपी मुख्यालय में हुए
कार्यक्रम में विभाग में जीपीएफ की जानकारी को ऑनलाइन करने के लिए नामिनल
रोल सॉफ्टवेयर प्रभावी कर दिया गया। यह सेवा शुरू होने से अब पुलिसकर्मी
अपना पीएनओ नंबर व जन्म तिथि डाल कर अपने जीपीएफ की सारी जानकारी हासिल कर
सकेंगे। डीजीपी ने कहा कि इस सुविधा से कर्मचारियों को काफी फायदा मिलेगा।
इस मौके पर डीजीपी ने कई पुलिसकर्मियों की जीपीएफ पर्ची निकाल कर ऑनलाइन
जानकारी हासिल करने का तरीका समझाया। उन्होंने बताया कि यह सॉफ्टवेयर अपर
पुलिस महानिदेशक तकनीकी सेवाएं आरके विश्वकर्मा के मार्गदर्शन में सिर्फ 15
दिन में तैयार कराया गया है। इस योजना से 32,102 मुख्य आरक्षी, 77,710
आरक्षी एवं 10,835 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों समेत कुल 1,20,674 कार्मिकों
को लाभ होगा। निरीक्षक स्तर तक के कर्मचारियों के संबंध में महालेखागार
इलाहाबाद स्तर से ऑनलाइन जीपीएफ पर्ची की व्यवस्था पूर्व में ही उपलब्ध है
।
ऑनलाइन जीपीएफ सॉफ्टवेयर डीजीपी ने लॉन्च किया
2.50 लाख कर्मियों को तोहफा
नहीं लगाने होंगे जीपीएफ की जानकारी के लिए बाबुओं के चक्कर
पुलिसकर्मियों का GPF ऑनलाइन
नहीं लगाने होंगे जीपीएफ की जानकारी के लिए बाबुओं के चक्कर
पुलिसकर्मियों का GPF ऑनलाइन
यूपी पुलिस के 2.50 लाख कर्मचारियों को जीपीएफ का स्टेटस जानने के लिए अब
बाबुओं के चक्कर नहीं लगाने होंगे। डीजीपी एके जैन ने शुक्रवार को उन्हें
ऑनलाइन जीपीएफ सॉफ्टवेयर की सौगात दी। एके जैन ने डीजीपी मुख्यालय स्थित
नवीन सभागार में ऑन लाइन जीपीएफ पर्ची निकालने के लिए नॉमिनल रोल सॉफ्टवेयर
लॉन्च किया। उन्होंने इस मौके पर मौजूद कई हेड कॉन्सटेबल, कॉन्सटेबल व
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की जीपीएफ पर्ची नामिनल रोड सॉफ्टवेयर से निकाल
कर दी। उन्होंने कहा कि अब तक बहुत से पुलिसकर्मियों को लगता था कि उनके
खाते में पैसा जमा हो रहा है या नहीं। कर्मचारी इस सॉफ्टवेयर से यह भी जान
सकेंगे कि उनके द्वारा एडवांस ली गयी धनराशि का समायोजन कितनी राशि एवं
कितनी किस्त में किया जा रहा है।
किसी भी पुलिसकर्मी को अपने जीपीएफ के बारे में जानकारी लेने के लिए उप्र पुलिस की वेबसाइट पर कार्मिक लिंक के अराजपत्रित कर्मचारी मेन्यू के अन्तर्गत जीपीएफ पर्ची पर जाएं। वहां अपना पीएनओ व जन्मतिथि डालकर एंटर करना होगा। इस योजना से 32,102 हेड कॉन्स्टेबल, 77,710 कॉन्सटेबल एवं 10,835 चतुर्थ श्रेणी यानी कुल 1,20,674 कार्मिकों को फायदा होगा।
अब तक पुलिसकर्मियों को पता नहीं था कि उनके खाते में पैसा जमा हो रहा है या नहीं। उन्हें सिर्फ साल में दो बार जीपीएफ पासबुक दिखाने की व्यवस्था थी। कई बार पुलिसकर्मी वह भी नहीं देख पाते थे। उन्हें एकाउंट दफ्तर के चक्कर लगाने पड़ते थे। पासबुक खो जाने पर दिक्कत हो सकती थी। अब पुलिसकर्मियों को इस सॉफ्टवेयर का लाभ मिलेगा। से ऑनलाइन जीपीएफ पर्ची की व्यवस्था पहले से उपलब्ध है। जल्द भर्ती होने वाले 41610 सिपाहियों का डाटा भी इससे जोड़ दिया जाएगा। यह संख्या 2.50 लाख के करीब होगी।
अब तक पुलिसकर्मियों को पता नहीं था कि उनके खाते में पैसा जमा हो रहा है या नहीं। उन्हें सिर्फ साल में दो बार जीपीएफ पासबुक दिखाने की व्यवस्था थी। कई बार पुलिसकर्मी वह भी नहीं देख पाते थे। उन्हें एकाउंट दफ्तर के चक्कर लगाने पड़ते थे। पासबुक खो जाने पर दिक्कत हो सकती थी। अब पुलिसकर्मियों को इस सॉफ्टवेयर का लाभ मिलेगा। से ऑनलाइन जीपीएफ पर्ची की व्यवस्था पहले से उपलब्ध है। जल्द भर्ती होने वाले 41610 सिपाहियों का डाटा भी इससे जोड़ दिया जाएगा। यह संख्या 2.50 लाख के करीब होगी।