प्रदेश भर के लाखों पेंशन पाने वालों को सरकार ने बड़ी राहत देने का काम किया है। अब पेंशनर साल में एक बार कभी भी जीवित प्रमाण पत्र बैंक में जमा कर सकता है। अब तक व्यवस्था थी कि पेंशनर को एक नवंबर से 20 दिसंबर के बीच ही कोषागार में जीवित प्रमाण पत्र जमा करना होता था। एक निश्चित अवधि में प्रमाण पत्र जमा करने के कारण बुजुर्ग पेंशनरों खास कर प्रदेश से बाहर रहने वालों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ता था।
पेंशनरों को यह सहूलियत एक जून 2015 से मिलने लगेगी। इस संबंध में वित्त विभाग के प्रमुख सचिव राहुल भटनागर ने शासनादेश जारी कर दिया है। प्रदेश भर में कोषागारों के साफ्टवेयर में आवश्यक संशोधन एक जून से पहले करने का निर्देश जारी कर दिया गया है। नए नियमों में पेंशनर को रिटायरमेंट के बाद पहली पेंशन भुगतान की तारीख के एक वर्ष के बाद जीवित प्रमाण पत्र देने की आवश्यकता होगी। प्रदेश के बाहर रहने वाले पेंशनर अपना प्रमाण पत्र जिस बैंक में उनका खाता है उसके ब्रांच मैनेजर से प्रमाणित करा के अपने मूल बैंक के माध्यम से कोषागार को भेज सकते हैं। गंभीर बीमारियों से ग्रसित पेंशनर जो चलने फिरने में असमर्थ हैं उनके घर जाकर प्रमाण पत्र दिए जाने की व्यवस्था की गई है।